मुजफ्फरपुर: जीवन में कुछ भी नया सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. इन बातों को मुजफ्फरपुर स्थित सेंट्रल जेल में बंद महिला कैदी प्रमाणित कर रही हैं. जिले के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद महिला बंदी अपने सपनों की उड़ान को पंख दे रही हैं. यहां कोई महिला कंप्यूटर का प्रशिक्षण ले रही है तो कोई बंदी सुजनी कढ़ाई की कला को निखार रही है. इसके साथ-साथ संगीत, आपदा प्रबंधन और डांसिंग की कला भी सीख रही है.
शैक्षणिक और आर्थिक रूप से होंगी मजबूत:जेल प्रशासन महिला बंदियों को शैक्षणिक और आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए उनको कौशल प्रशिक्षण दे रही है. इसके साथ ही क्वालिटी एजुकेशन भी दिलवा रही है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत पिछले एक साल में 200 से अधिक महिला बंदी को साक्षर किया गया है.
महिला कैदियों की जारी है पढ़ाई: एनआइओएस और इग्नू के तहत इनको दसवीं, इंटर, स्नातक और पीजी तक की पढ़ाई कराई जा रही है. प्लास्टिक की वेस्ट बोतल को किस तरह से इस्तेमाल में लाया जाए इसका भी महिला बंदियों को प्रशिक्षण दिया गया है.
कंप्यूटर क्लास में कराया नामांकन:सेंट्रल जेल में पिछले माह डीएम प्रणव कुमार ने कंप्यूटर सेंटर का उद्घाटन किया था. इसमें नामांकन के लिए पुरुष बंदी से ज्यादा महिला बंदी की उत्सुकता दिख रही है. 15 दिन के अंदर ही 25 महिला बंदियों ने अपना नामांकन कराया है. तीन माह के कोर्स में महिला बंदियों को कंप्यूटर का व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें वर्ड पैड पर टाइपिंग, पेंटिंग और इंटरनेट के इस्तेमाल से संबंधित जानकारी दी जाएगी.