मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराए 25 लोगों की आंखें खराब ( Many people Lost Eyes in Muzaffarpur ) हो गई. आंखों में दर्द, जलन और नहीं दिखने की शिकायत के बाद भी डॉक्टरों ने मरीजों को बरगलाने का पूरा प्रयास किया. नतीजा ये हुआ कि 7 लोगों की आंखें निकालनी पड़ी, तो वहीं अधिकांश लोगों को आंखें निकलवाने की नौबत आ गई है.
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दरअसल, यह मामला जिले के जुरण छपरा स्थित आई हॉस्पिटल का है. बीते 22 नवंबर को अस्पताल में विशेष मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था. इस दौरान दर्जनों महिला-पुरुषों ने अपनी आंख का ऑपरेशन कराया. लेकिन डॉक्टरों के द्वारा लापरवाही (Negligence of Eye Hospital in Muzaffarpur) बरती गई लापरवाही ने उन्हें हमेशा के लिए अंधा बना दिया.
डॉक्टरों की लापरवाही के कारण दर्जनों की आंखें खराब, वीडियो देखें आंख का ऑपरेशन कराए मरीजों ने बताया कि ऑपरेशन को एक सप्ताह भी नहीं बीते थे कि उनकी आंखों में जलन, दर्द और नहीं दिखने जैसी समस्याएं होने लगी. इसके बाद इन लोगों ने जब इसकी शिकायत आई हॉस्पीटल पहुंचकर चेकअप कराया तो डॉक्टरों ने इंफेक्शन की बात कही.
मरीजों और उनके परिजनों के पैरों तले जमीन तो तब खिसक गई जब डॉक्टरों ने उनसे कहा कि इंफेक्शन गंभीर हो गया है. उनकी आंखें अब निकालनी पड़ेगी. अन्यथा दोनों आंख खराब हो सकती है. अस्पताल कर्मियों से ये बातें सुनते ही मरीज और उनके परिजन आक्रोशित हो गए. उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया.
इसकी सूचना सिविल सर्जन को दी गई. यह जानकर अस्पताल के कर्मी अस्पताल में भर्ती मरीज को दर्द से कराहते हुए छोड़कर फरार हो गए. लोगों के हंगामे की सूचना थाने को भी दी गई जिसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस ने लोगों को अस्पताल परिसर से बाहर निकाला.
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इसके बाद कुछ आंख मरीजों को एंबुलेंस में बैठाकर अस्पताल प्रशासन ने पटना भेजा. फिर वापस लौट आए. मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल के प्रशासन के लापरवाह रवैये को देखते हुए ज्यादा परेशानी वाले मरीजों का दूसरे जगहों पर इलाज किया गया है. ज्यादा इंफेक्शन होने की वजह से कई लोगों की आंखें निकाली गई है.
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ईटीवी भारत संवाददाता ने सिविल सर्जन से बात की. मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराए 25 लोगों की आंखें खराब की सूचना मिलने के बाद सीएस डॉ विनय शर्मा ने बताया कि उन्हें फोन से इसकी जानकारी मिली है. इसके लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है. टीम में शामिल डॉक्टर दो दिनों के भीतर यह रिपोर्ट देंगे कि आखिर ऑपरेशन प्रोटोकॉल का पालन किसने नहीं किया या किस कारण से नहीं किया गया. इस मामले में जो भी दोषी होंगे उनपर कठोर कार्रवाई की जाएगी.