मुजफ्फरपुर:कोरोना (Corona) से बचना है तो खाइए...थाईलैंड...चीन...मलेशिया का फल...मुजफ्फरपुर में लीची के बाद लीजिए लौंगन (Longan) का मजा. लौंगन एक विदेशी फल है, लेकिन मुजफ्फरपुर के राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र (National Research Centre On Litchi Muzaffarpur) के वैज्ञानिकों ने देश में पहली बार लौंगन की एक किस्म को विकसित करने में सफलता हासिल की है. यह फल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जाना जाता है.
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कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से बचने के लिए भी लौंगन को रामबाण इलाज बताया जा रहा है. इसमें प्रोटीन और विटामिन-सी काफी होता है. यह देखने में बिल्कुल लीची जैसा होता है और बेहद ही रसीला फल है. इसका स्वाद काफी हद तक लीची जैसा होता है. अगस्त में यह फल तैयार हो जाता है. इसका पेड़ भी लीची के पेड़ जैसा दिखता है. पेड़ लगाने के बाद दो साल में फल भी आने लगते हैं.
मुजफ्फरपुर के मुसहरी स्थित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र ने विदेशी फल (लौंगन) का देसी संस्करण तैयार कर लिया है. इसका नाम 'गंडकी उदय' रखा गया है. लौंगन की व्यवसायिक खेती के लिए मुजफ्फरपुर में जमीन तैयार हो चुकी है. अनुसंधान केंद्र में इसके एक सौ से अधिक पौधे फल से लदे हैं. केंद्र में इस पौधे की नर्सरी भी तैयार की जा चुकी है.
नर्सरी की मदद से जल्द ही बिहार में इस विशिष्ट और औषधीय गुणों से भरपूर फल की व्यवसायिक खेती का रास्ता साफ हो जाएगा. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इसकी खेती से लीची उत्पादन से जुड़े किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यह फल पौष्टिकता के मामले में लीची से भी ज्यादा फायदेमंद है. दक्षिणी चीनी मूल के इस फल पर राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र पिछले कई सालों से शोध कर रहा था.
लौंगन के फल दिखाता अनुसंधान केंद्र का कर्मी. फिलहाल इस फल की खेती वियतनाम, चीन, मलेशिया और थाईलैंड में व्यापक रूप से की जाती है. अब बिहार के मुजफ्फरपुर में भी लौंगन के देसी संस्करण 'गंडकी उदय' की खेती बड़े स्तर पर शुरू की गई है. ऐसे में जल्द ही ये फल अपने देसी वर्जन के साथ मार्केट में अपनी दस्तक के लिए तैयार हो रहा है.
बता दें कि लौंगन में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. यह एंटीऑक्सीडेंट का भी अच्छा स्रोत है. एंटीऑक्सीडेंट शरीर की कोशिकाओं में जमा होने वाले फ्री रेडिकल्स के खिलाफ जंग में काम आता है. फ्री रेडिकल्स शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने और रोगी बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं. लौंगन का इस्तेमाल डिप्रेशन और तनाव दूर करने में होता है. इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसके साथ ही ब्लड शुगर लेवल कम होता है. यह अस्थमा के रोगियों के लिए भी लाभकारी होता है.
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