बिहार

bihar

ETV Bharat / state

मुजफ्फरपुरः लीची की खूबसूरती को लगी कोरोना की नजर, लॉकडाउन की वजह से संकट में किसान

देश विदेशों तक मांग होने वाली शाही लीची का उत्पादन करने वाले किसान आज पकते लीची को देखकर काफी मायूस हैं. लॉकडाउन की वजह से लीची का बाजार भी काफी प्रभावित होगा, जिसकी चिंता ने किसानों की रातों की नींद उड़ा दी है.

muzaffarpur
muzaffarpur

By

Published : May 15, 2020, 2:31 PM IST

Updated : May 15, 2020, 7:26 PM IST

मुजफ्फरपुरः फलों से लदे लीची के पेड़ों की खूबसूरती का भला क्या कहना? लीची बागानों में पेड़ पर पक रही लीची की लाली इस बार किसानों के लिए मुस्कान की जगह दर्द का सबब बन गई है. जैसे-जैसे लीची के फल पककर लाल हो रहे हैं, वैसे-वैसे किसानों का कलेजा बैठने लगा है.

लीची की खेती
देश भर में लीची का सबसे अधिक उत्पादन मुजफ्फरपुर में होता है. यहां करीब 10000 हेक्टेयर में लीची की खेती की जाती है. लेकिन तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण ने इस बार लीची के कारोबार को पूरी तरह चौपट कर दिया है. दरअसल लॉकडाउन के बीच लीची का कारोबार कैसे हो? यह सवाल किसानों को काफी परेशान कर रहा है.

देखें रिपोर्ट

बिक्री की चिंता
कोरोना को लेकर प्रभावी लॉकडाउन ने लीची किसानों के सामने अब बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. जिससे मध्यम और छोटे लीची उत्पादक किसानों को अभी तक अपने लीची बागान के लिए खरीदार नहीं मिल पाए हैं. ऐसे में लीची की बिक्री की चिंता किसानों को खाए जा रही है.

परेशान किसान

देश-विदेशों तक मांग
बता दें कि मुजफ्फरपुर शाही लीची के लिए प्रसिद्ध है. जिसकी मांग देश-विदेशों तक होती है. शहर में उत्पादित किए गए लीची की सबसे अधिक मांग दिल्ली और मुंबई में होती थी. यहां करीब एक हजार टन के करीब लीची की खपत आसानी से हो जाती थी. लेकिन इस बार यह संभव नहीं होगा, क्योंकि दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहर भी रेड जोन में हैं.

शाही लीची

सरकार से मदद की आस
हालांकि जिला प्रशासन लीची किसानों की समस्या को दूर करने की दिशा में पहल जरूर कर रही है. लेकिन किसान के फलों को बाजार में पहुंचाने की पहल काफी नहीं है. ऐसे में लीची की खेती कर रोजी रोटी कमाने वाले किसानों को अब सरकार से मदद की आस दिख रही है.

लीची बागान
Last Updated : May 15, 2020, 7:26 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details