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बाढ़ पीड़ितों का दर्द: नहीं है राशन, कल शाम से ही बच्चे भूखे हैं - राहत शिविरों का ग्राउंड रिपोर्ट

मुजफ्फरपुर के मीनापुर में बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में लोगों को दिन में एक वक्त का खाना भी नहीं मिल पा रहा है. भूख से बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग बिलख रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि बीती शाम के बाद से ही उन्हें खाना नहीं मिला है.

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Published : Jul 20, 2021, 4:39 PM IST

मुजफ्फरपुरः बिहार के कई जिलों के लाखों लोग इन दिनों बाढ़ का दंश झेल (People Facing problem) रहे हैं. मुजफ्फरपुर जिले के भी कई प्रखंड के लोग बाढ़ की त्रासदी (Flood In Bihar) का शिकार बने हैं. जिले की एक बड़ी आबादी विभिन्न बांध, स्कूल और अन्य ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए हैं. इस बीच बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों (Flood Relief Camp) में सुविधाएं नदारद हैं.

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जिले के मीनापुर प्रखंड में संचालित किए जा रहे कई कम्युनिटी किचेन की हालत खस्ता है. यहां बड़े-बड़े पतीले तो लाए गए हैं, लेकिन खाना नहीं बन पा रहा है. दिन में एक वक्त का खाना के लिए भी लोग तरस रहे हैं. मीनापुर के ही घुसैत पंचायत के एक राहत कैंप का ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया गया, तो लोगों ने प्रशासन के द्वारा किए गए इंतजाम के खिलाफ नाराजगी जाहिर की.

"यहां राशन की कमी है. न दाल है न चावल है, इसलिए खाना नहीं बन पाया है. बच्चे बूढ़े सब भूख से बिलख रहे हैं. बीती शाम में ही खाना मिला है, उसके बाद से हमलोग भूखे हैं."- बाढ़ पीड़ित

"पिछली बार बाढ़ के दौरान तो हमने रूपये कर्ज लेकर लोगों के लिए राहत मुहैया करवाई थी. लेकिन अब तक उसका भुगतान प्रशासन के द्वारा नहीं किया गया है. हमपर करीब ढ़ाई-तीन लाख रूपये का कर्ज हो गया है. अब हम मदद करने में असमर्थ हैं."- ग्रामीण

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बाढ़ की मुसीबत में फंसे लोग प्रशासनिक मदद नहीं मिलने से बेहद परेशान हैं. राहत नहीं मिलने के कारण परेशान लोगों के द्वारा हंगामा और विरोध की खबरें भी सामने आ चुकी है. लोग स्थानीय विधायक और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. हर रोज जिंदगी की जद्दोजहद कर रहे बाढ़ पीड़ितों अब भी प्रशासनिक मदद पर ही उम्मीदें टिकी हुई हैं.

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