मुजफ्फरपुर: सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज की शुरूआत युद्धस्तर पर की जा रही है. लेकिन आज भी जिले के कई स्कूल भवनहीन हैं. जहां सरकार स्कूल को स्मार्ट करने के दावे कर रही है, वहीं बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं.
जिले के औराई प्रखंड के कई सरकारी स्कूल बागमती बांध परियोजना की भेंट चढ़ चुकी है. इन स्कूलों को आज तक पुनर्वासित जमीन नहीं मिल पाई है. जिससे ये भवनहीन हैं. इसका एक उदाहरण जनार स्थित बागमती उच्च विद्यालय है. इसके पास 18 एकड़ 36 कट्ठा जमीन है. जो बांध परियोजना के अंदर आ गई है.
पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति
बागमती उच्च विद्यालय को अभी मध्य विद्यालय के दो कमरों में चलाया जा रहा है. यहां 468 नामांकित छात्र-छात्राएं और 15 शिक्षक हैं. भवन के अभाव में यहां पढ़ाई की केवल खानापूर्ति की जाती है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यदि बांध से सटे हुए स्कूल की जमीन पर ही भवन बना दिया जाए तो यह समस्या खत्म हो जाएगी.
खुले में पढ़ने को मजबूर बच्चे दुर्दशा पर आंसू बहा रहा स्कूल
जहां एक तरफ स्कूलों को स्मार्ट क्लास जैसी हाई टेक सुविधा दी जा रही है, वहीं यह स्कूल बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. स्थानीय शिक्षाविद् स्व. चंद्रनारायण मिश्र ने इसकी स्थापना की थी. यहां से कई मेधावी छात्र शीर्ष स्तर तक पहुंचे हैं. लेकिन आज यह अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है.
'स्कूल के लिए मांगी जाएगी जमीन'
जिला शिक्षा पदाधिकारी विमल ठाकुर ने बताया कि स्कूल के भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया नहीं हो पाई है. जहां तक बांध के पास भवन बनाने की बात है, तो इसके लिए बागमती परियोजना और संबंधित विभाग से अनुमति मिलने पर ही कुछ हो पाएगा. शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि जिस तरह ग्रामीणों के पुनर्वास की व्यवस्था हुई है. उसी तरह अधिकारी से मांग कर स्कूल के लिए भी जमीन की व्यवस्था की जाएगी.