मुजफ्फरपुरः जिले की राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची को पदम श्री अवार्ड भारत सरकार द्वारा दिए जाने की घोषणा के बाद उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा. वह फूले नहीं समा रही हैं. आज उनके घरों पर बधाई देने वाले लोगों का तातां लगा हुआ है.
अपने पुराने दिनों को याद करके उनके आखों से आंसू छलक पढ़े. जब वह घर की दहलीज से बाहर कदम रख रही थीं तो उन्हें और उनके परिवार के लोगों को समाज के बहुत ताने भी सुनने पड़े थे. जो हंस कर सह लेती थीं. आज वही पूरे समाज के लोगों को एक संदेश दे रही हैं. किसानों के बीच क्रांति की अलख जगाने वाली किसान चाची जब हजारों महिलाओं की रोल मॉडल हैं.
संवाददाता से बात करती राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची लालू प्रसाद ने किया था पुरस्कृत
1990 से राजकुमारी देवी खेती करती आ रही हैं. सबसे पहले 2003 में किसान चाची को कृषि मेला के दौरान लालू प्रसाद यादव ने पुरस्कृत किया था. 2007 में किसान श्री का सामान मिला. किसान चाची के अचार की महानायक अमिताभ बच्चन ने भी तारीफ कर चुके हैं. किसान चाची को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं.
राजकुमारी देवी के बनाए हुए आचार साइकिल पर बेचा आचार
मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड की रहने वाली राजकुमारी देवी को लोग चाची के नाम से जानते हैं. राजकुमारी देवी की शादी किसान परिवार में हुई थी. अपनी गरीबी को देखा तो उन्होंने घर की दहलीज से बाहर कदम रखकर खेती करनी शुरू की. अपने खेत में पपीते उगाए. उन पपीतों से अचार बनाया. उन आचारों को साइकिल से ले जाकर लोगों के बीच में बेचना शुरू किया. समाज के लोग ताने देने लगे. नतीजा यह हुआ कि उनके अपने ही लोग उन्हें तिरस्कृत करने लगे.
राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची चाची का क्या है कहना
पद्म श्री की घोषणा पर किसान चाची ने कहा कि यह सम्मान पूरे बिहार के किसानों को मिला है. किसान चाची का कहना है कि किसानों की हालत अच्छी नहीं है. सरकार के पास बहुत प्रपोजल है. इस पर भी काम होना चाहिए. मुझे मौका मिला तो मैं किसान की समस्या को उचित मंच पर जरूर उठाऊंगी.