मुजफ्फरपुर: बारिश के दिनों में बूढ़ी गंडक और गंडक नदी में आई भयावह बाढ़ का दुष्प्रभाव अभी तक जिले के किसानों को झेलना पड़ रहा है. बाढ़ के चलते परवल की लताएं नष्ट हो गईं थी. अब नई फसल लगाने के लिए किसानों को लताएं नहीं मिल रहीं हैं, जिससे परवल की खेती पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
बाढ़ के चलते जिले के मीनापुर, मोतीपुर और मुशहरी प्रखंड के किसानों की धान की फसल नष्ट हो गई थी. इस इलाके के किसान नगदी फसल के रूप में सब्जी की खेती करते हैं. अधिकतर किसानों की आमदनी का मुख्य जरिया परवल की खेती है. पहले यहां परवल की लताएं बहुतायत में उपलब्ध थी, लेकिन इस साल बाढ़ ने परवल की फसल को नष्ट कर दिया, जिससे लताएं नहीं बच पाईं.
मीनापुर के घुसैट, सांईपुर, बहादुरपुर, रगई और मधुबन गांव में परवल की सबसे अधिक खेती होती थी. यहां के किसानों के अधिकतर पौधे पूरी तरह नष्ट हो गए हैं. जिन किसानों के पौधे बचे भी हैं वे भी अच्छी हालात में नहीं हैं.