पटना: मुजफ्फरपुर समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी चमकी बुखार कहर बरपा रहा है. अब तक कुल 168 बच्चों की मौत हो चुकी है. बच्चों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रही है. 2014 से लेकर 2019 तक हर साल इस बीमारी से बच्चों की मौत होती रही. लेकिन स्वास्थ्य महकमा सोता रहा. साल 2014 में बच्चों की मौत पर डॉ. हर्षवर्धन ने जो कहा वो 2019 में भी दोहरा दिया.
क्या हुआ उन वादों का?
हर्षवर्धन ने कहा था कि एसके मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 बेड का आईसीयू बनाया जाएगा और जिले के सभी प्राथमिक केंद्रों में 10 बेड वाला आईसीयू बनाया जाएगा. एसके मेडिकल कॉलेज को सुपर स्पेसलिटी में तब्दील किया जाएगा.
पत्रकारों के सवाल से बचते दिखे डॉ. हर्षवर्धन
अब पांच साल बाद एक बार फिर बच्चों की मौत के बाद पत्रकारों ने उन्हें 2014 में किए गए वायदों की याद दिलाई. तो डॉ साहब, सवालों से बचते दिखाई दिए. यकीन न हो तो आप भी सुन लीजिए.
ईटीवी भारत संवादाता की रिपोर्ट पुराना वादा फिर दोहराया
डॉ. हर्षवर्धन पांच साल बाद फिर मुजफ्फरपुर लौटे. अस्पताल का दौरा किया. जाते-जाते फिर वायदा कर गए. और कह दिया. इंसेफलाइटिस से दोबारा इतने बच्चों की मौत न हो इसके लिए रिसर्च सेंटर बनाएंगे. 5 जिलों में वायरोलॉजी लैब बनाने की जरूरत है. यह काम एक साल में पूरा होगा. भरोसा रखिए, भारत सरकार इस बीमारी को पूरी तरह खत्म करेगी.
आंखें नम कर रही अस्पताल में मांओं की हदाड़
अब जब पूरे प्रदेश में चमकी बुखार से 168 बच्चों की मौत हो चुकी है तो लोगों का स्वास्थ्य मंत्री से ये सवाल है कि आपने तो पांच साल पहले भी वायदा किया था.मुन्नी के मां-बाप से. सोनू की दादी से. और हम सब से. लेकिन नतीजा आज भी वही है. हालात पहले की तरह अब भी हैं. यकीन नहीं आता तो सुन लीजिए अस्पताल में मांओं की दहाड़. यकीनन आंखें नम कर देंगी ये तस्वीरें.