मुजफ्फरपुर:बिहार के कई जिलों में भारी बारिश से नदियां उफान (Rivers in Spate) पर है. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण बूढ़ी गंडक नदी (Budhi Gandak River) भी उफान पर है. नदी का तेज प्रवाह अब कहर ढाने लगा है. बूढ़ी गंडक नदी के उफान से मीनापुर प्रखंड के घुसैत पंचायत में नदी से कटाव भी तेज हो गया है.
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कटाव से नदी में समाए कई घर
बूढ़ी गंडक नदी के तेज प्रवाह से मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर प्रखंड मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर घुसैत में पिछले साल की तरह इस बार भी नदी का कटाव तेज हो गया है. महज चार दिन में ही नदी की तेज धार में गांव के दो घर समाहित हो चुके हैं. वहीं, नदी के कछार पर मौजूद कई घर अब कटाव की जद में है, जो कभी भी उफनती नदी में गिर सकते हैं. ऐसे में कटाव की जद में अपने आशियाने के आने की वजह से इस गांव के ग्रामीण सहमे हुए हैं.
दहशत में जीने को मजबूर लोग
पिछले साल भी मीनापुर प्रखंड के रघई और घुसैत में सबसे अधिक बूढ़ी गंडक नदी से कटाव हुआ था. जिसके बाद रघई में तो रेत और मिट्टी के बोरे को बोल्डर से पाटकर नदी के कटाव को रोकने की पहल जल संसाधन विभाग की तरफ से की गई, वहीं जल संसाधन विभाग की ओर से घुसैत में कोई भी कटाव निरोधी काम नहीं किया गया है. इस वजह से इस गांव पर भी कटाव का खतरा उत्पन्न हो गया है.
उफनाती नदी ने पहले भी बरपाया कहर
20 साल पहले भी मीनापुर घुसैट कई बार बूढ़ी गंडक नदी के कटाव के जद में आकर बर्बाद और तबाह हो चुका है. नदी के कटाव को देखते हुए गांव के कई परिवार इस गांव से पलायन कर दूसरे जगह बस चुके हैं, जबकि अभी भी आर्थिक रूप से कमजोर परिवार जिनके पास अब दूसरी जमीन नहीं है, वह अभी भी अपनी जान जोखिम में डालकर कटाव के बाद भी नदी के कछार पर बने अपने आशियाने में रहने को मजबूर हैं.
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कई गांवों में बाढ़ का बढ़ा खतरा
अपनी इस पीड़ा से यहां के लोग अपने जन प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को भी कई बार अवगत करा चुके हैं. अभी भी इस गांव को गंडक नदी के कटाव से बचाने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की गई है. लगातार मानसूनी बारिश से कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. जिससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.