मुजफ्फरपुर: लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा में देश-विदेशों से भी लोग पूजा करने अपने घर आते हैं. ऐसा ही एक परिवार मुजफ्फरपुर में भी है. जहां विजय वर्मा के मंझले बेटे सौरभ वर्मा और उनकी बहु दैनिला इवन चेक रिपब्लिक और जर्मनी में रहते हैं. मगर हर साल आस्था के इस महापर्व छठ को मनाने यहां आते हैं.
मुजफ्फरपुर: सात समंदर पार से महापर्व छठ पूजा मनाने पहुंची जर्मन बहू, बताया अनूठा अनुभव
विजय वर्मा के बेटे सौरभ वर्मा ने बताया कि वह जर्मनी से आया है. वह हर साल छठ के मौके पर घर आता है. वहीं, पहली बार छठ पूजा में शामिल हो रही उनकी पत्नी दैनिला इवन ने बताया कि अपने नये भारतीय परिवार के साथ दिवाली और छठ पूजा में शामिल होने के कारण वह काफी खुश और उत्साहित है.
'छठ पूजा में शामिल होकर काफी खुश हूं'
विजय वर्मा के बेटे सौरभ वर्मा ने बताया कि वह जर्मनी से आया है. वह हर साल छठ के मौके पर घर आता है. वहीं, पहली बार छठ पूजा में शामिल हो रही उनकी पत्नी दैनिला इवन ने बताया कि अपने नये भारतीय परिवार के साथ दिवाली और छठ पूजा में शामिल होने के बाद वह काफी खुश और उत्साहित है. यह पर्व मेरे लिए काफी यूनिक है. मैंने इससे पहले इस तरह से पूजा होते नहीं देखा.
छठ के मौके पर सभी आते हैं घर
घर के बड़े बेटे डॉ. गौरव वर्मा ने बताया कि वह तीन भाई हैं. सब घर से बाहर ही रहते हैं. लेकिन छठ के मौके पर सभी घर आते हैं. बता दें कि गुरुवार को नहाय-खाय के साथ चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व की शुरुआत हो गई है. शुक्रवार को पर्व का दूसरा दिन है. इस दिन व्रती शाम को खीर और पूरी का विशेष प्रसाद तैयार करती हैं. छठ मईया को इसका भोग लगाने के बाद वो प्रसाद ग्रहण करती हैं. इसके बाद से व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक निर्जला उपवास पर रहती हैं. सुबह वाले अर्घ्य के बाद पारण होता है.