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मुजफ्फरपुर: चमकी बुखार से 4 और बच्चों की मौत, AES से अब तक 25 बच्चे तोड़ चुके हैं दम - death from Chamki Bukar

डॉक्टरों ने लोगों को अपने बच्चों का खासा ख्याल रखने की अपील की है. डॉक्टरों ने उन्हें गर्मी से बचाने के साथ ही समय-समय पर तरल पदार्थों का सेवन करवाने की सलाह भी दी है.

अस्पताल में भर्ती बच्चे

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Published : Jun 9, 2019, 10:24 AM IST

Updated : Jun 9, 2019, 12:42 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार में चमकी बुखार का प्रकोप जारी है. इस बुखार के चलते बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार को भी चमकी बुखार के चलते 4 और बच्चों ने दम तोड़ दिया. ऐसे में अब इस बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या 25 पहुंच गई है.

एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में 13 नए बच्चों को भर्ती कराया गया है. बीते आठ दिनों में चमकी बुखार से मरने वालों की संख्या 25 पहुंच गई है. एसकेएमसीएच के पीआईसीयू में इलाजरत वैशाली जिले के भगवानपुर का सात वर्षीय प्रिंस कुमार, शिवहर जिले के टेरमा विशुनपुर की सात वर्षीय चंदा कुमारी और मुजफ्फरपुर के मुशहरी के चार वर्षीय मो. जाहिद की मौत हो गई. वहीं, मीनापुर प्रखंड के अली नेउरा के अंशु कुमार की केजरीवाल अस्पताल लाने के दौरान मौत हो गयी.

14 बच्चे पीआइसीयू में भर्ती
इन्हें मिलाकर 14 बच्चे पीआईसीयू में भर्ती हैं. अस्पताल प्रशासन के अनुसार, इस मौसम में अब तक 39 बच्चों को भर्ती किया जा चुका है. इसमें 15 की मौत हो चुकी है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने 28 बच्चों में एईएस की पुष्टि की है.

तरल पदार्थों के सेवन की सलाह
वहीं, डॉक्टरों ने लोगों को अपने बच्चों का खासा ख्याल रखने की अपील की है. डॉक्टरों ने उन्हें गर्मी से बचाने के साथ ही समय-समय पर तरल पदार्थों का सेवन करवाने की सलाह भी दी है. इससे अब तक सैकड़ों बच्चों की जान जा चुकी है.

90 के दशक से है बीमारी का प्रकोप
गौरतलब है कि 90 के दशक से इस बीमारी का प्रकोप मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के कई जिलों में है. अब तक सैकड़ों बच्चों की जान इस अज्ञात बीमारी ने ले ली है, लेकिन सिस्टम और डॉक्टर भी इस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं कि इस लाइलाज बीमारी से कैसे मासूम बच्चों को बचाया जाए.

Last Updated : Jun 9, 2019, 12:42 PM IST

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