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मुजफ्फरपुर में श्याम रजक, फारूख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज - मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में महबुबा मुफ्ती, उम्मर अबदुल्ला और श्याम रजक के शिलाफ मामला दर्ज

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, फारूख अब्दुल्ला और बिहार सरकार के मंत्री श्याम रजक समेत छह लोगों के खिलाफ जिले के सीजेएम कोर्ट में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ है. धारा 370 पर दिए बयान को लेकर अधिवक्ता सुधीर ओझा ने मुकदमा दर्ज करवाया है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी.

श्याम रजक, फारूख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज

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Published : Aug 6, 2019, 6:19 PM IST

मुजफ्फरपुर:जिले के सीजेएम कोर्ट में बिहार सरकार के मंत्री श्याम रजक, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती औरफारूखअब्दुल्ला समेत छह लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया गया है. अधिवक्ता सुधीर ओझा ने इनके खिलाफ अनुच्छेद 370 पर दिए बयान को लेकर मामला दर्ज करवाया है. वहीं, इस मामले पर सुनवाई आगामी 17 अगस्त को होगी.

मुजफ्फरपुर कोर्ट

कोर्ट ने मामला किया स्वीकार

वकील सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने जब संसद में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को हटाने का संकल्प पेश किया. तभी बिहार सरकार के मंत्री और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री समेत 6 लोगों ने इसके विरोध में बयान दिया था. इसीलिए इनके ऊपर मुकदमा दर्ज करवाया. जिसे सीजेएम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए इस पर सुनवाई की तारीख दी है.

जानकारी देते अधिवक्ता सुधीर ओझा

राज्यसभा में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का संकल्प पेश

दरअसल, केन्द्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन का विधेयक पेश किया. इस विधेयक के अनुसार, जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया. इसमें जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा. वहीं, लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को हटाने का संकल्प पेश किया.

सुधीर ओझा, अधिवक्ता

संविधान के साथ किया गया खिलवाड़ - श्याम रजक

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद देश भर में इसका विरोध होने लगा. वहीं, बिहार सरकार के मंत्री और जेडीयू नेता श्याम रजक ने खुलकर जम्मू-कश्मीर विधेयक का विरोध किया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का प्रस्ताव का हम पूरी तरह से विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले से पहले सभी दलों से बातचीत करनी चाहिए थी. सबको विश्वास में लेना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 370 हटाने का फैसला संविधान के साथ खिलवाड़ है. आज का दिन लोकतंत्र के लिए काला अध्याय है.

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