मुजफ्फरपुरःबिहार में साइबर क्रिमिनलद्वारा फर्जी अकाउंट बनाकर अक्सर लोगों को चुना लगाया गया है लेकिन इस बार जिस फर्जी अकाउंट को लेकर थाने में मामला दर्ज हुआ, वो मुजफ्फरपुर डीएम प्रणव कुमार (DM Pranav Kumar) के नाम पर निकला. दरअसल जिले में डीएम (Fake Whatsapp Account Created On Name Of DM In Muzaffarpur) के नाम पर फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बना कर प्रशासनिक पदाधिकारी और आम लोगों से रुपये मांगने की बात समाने आई है. जिला गोपनीय प्रशाखा के विशेष कार्य पदाधिकारी कुमार अभिषेक ने इस मामले में लिखित शिकायत दर्ज कराई है.
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शातिरों के सत्यापन में जुटी पुलिसः जिलाधिकारी प्रणव कुमार के नाम पर फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बना कर लोगों से रुपये मांगने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है. जिला गोपनीय प्रशाखा के विशेष कार्य पदाधिकारी कुमार अभिषेक की लिखित शिकायत में दो मोबाइल नंबर 912...772 और 767....6507 के धारक को आरोपी बनाया गया है. पुलिस दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दोनों शातिरों के सत्यापन में जुट गयी है. जिला सर्विलांस टीम दोनों मोबाइल नंबर की सीडीआर व कैप निकाल लिया है. दोनों में से एक नंबर के ट्रूकॉलर पर चेक करने पर नाम राजेश कुमार बताता है.
इपे गिफ्ट कार्ड के माध्यम से राशि की मांगःजिला गोपनीय प्रशाखा के विशेष कार्य पदाधिकारी अभिषेक ने थाने में बताया कि जिलाधिकारी प्रणव कुमार के फोटो का फर्जी इस्तेमाल करके दो अलग-अलग मोबाइल नंबर से फर्जी अकाउंट बनाया गया है. जिससे जिले के प्रशासनिक पदाधिकारियों और आम लोगों से चैटिंग के क्रम में अमेजन इपे गिफ्ट कार्ड के माध्यम से राशि की मांग की जाती है. इसकी शिकायत पहले भी कई बार मिल चुकी है.
पुलिस को दिया गया चैटिंग का स्क्रीनशॉटःभी वहीं, सबूत के तौर पर फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट से कुढ़नी, कांटी के अंचल अधिकारी, कुढ़नी, बंदरा के प्रखंड विकास पदाधिकारी से किए गए व्हाट्सएप चैटिंग का स्क्रीनशॉट भी पुलिस को दिया गया है. इससे पहले ,फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाने का मामला प्रकाश में आने के बाद डीएम ने बीते चार अगस्त को जिला गोपनीय प्रशाखा के विशेष कार्य पदाधिकारी को प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था. साथ ही सभी पदाधिकारियों को आगाह करते हुए किसी भी तरह के फर्जी मैसेज पर ध्यान नहीं देने की अपील की गई थी.