मुजफ्फरपुर:उत्तरकाशी टनल हादसामें कुल 41 फंसे मजदूरों को निकालने का प्रयास जारी है. मुजफ्फरपुर के दीपक भी टनल में फंसे हैं. पिछले 13 दिनों से परिजनों का बुरा हाल है. भाइयों में दीपक छोटा है. वह विगत दो साल से उक्त कंपनी में कार्यरत था.
उत्तरकाशी के टनल में फंसे मुजफ्फरपुर के दीपक: इसके पूर्व वह असम में कार्य करता था. दीपक का बड़ा भाई दुबई में रहता है. अप्रैल में उसकी शादी होने वाली थी. उसी समय वह लौटने वाला था. दीपावली के दिन वह टनल में फंस गया. इधर, हादसे के दसवें दिन कैमरे में टनल में फंसे दीपक सहित अन्य लोगों को तस्वीर देखी गई थी.
बीतते दिन के साथ बढ़ रही चिंता: छह इंच के पाइप से भेजे गए कैमरे में फंसे मजदूरों को देखा गया था. मजदूरों के सकुशल होने का वीडियो जारी होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली थी, लेकिन परिजन अभी भी उनके बाहर आने को लेकर चिंतित हैं.गिजास मठ टोला निवासी शत्रुघ्न पटेल के पुत्र दीपक कुमार के इस टनल में फंसे होने की सूचना मिलने के बाद से ही परिजन काफी परेशान हैं.
'सिर्फ दिलासा मिल रहा है':दीपक के मामा और चाचा उत्तरकाशी पहुंच भी गए हैं. घर पर मां और पिताजी काफी परेशान हैं. दीपक के पिताजी ने बताया कि दीपक सबसे छोटा है. पिछले दो साल से उत्तरकाशी में काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि रोज फोन आता है कि आज दीपक बाहर आ जाएगा.
"अब देखिए कि कबतक वह निकलता है. मेरा बेटा उत्तरकाशी के टनल में फंसा हुआ था. हमलोग उसके बाद से अपने बेटे से बात करने के लिए बेचैन हैं. हम सरकार से गुहार लगाते हैं कि जल्द से जल्द मेरे बेटे को टनल से बाहर निकाल दीजिए."- शत्रुघ्न पटेल , दीपक के पिता