मुजफ्फरपुर: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार को जिले के विभिन्न घाटों पर जन सैलाब उमड़ पड़ा. इस मौके पर श्रद्धालुओं ने नदी में आस्था की डुबकी लगाते हुए दिखे. वहीं, बूढ़ी गंडक के घाटों पर सुबह ही हजारों की संख्या श्रद्धालु स्नान करने के बाद दान-पुण्य किया. साथी ही अखाड़ा घाट ,संगम घाट ,सीढ़ी घाट समेत अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं नें स्नान कर पूजा अर्चना की.
घाटों पर बनाया गया चेंजिंग रुम
गंडक तट पर बनाये गए टेंट में दूर-दराज से आये श्रद्धालु रात से ही ठहरे हुए थे. इन घाटों पर सुरक्षित स्नान करने के लिए पानी में बांस से घेराबंदी की गई. साथी ही कपड़े बदलने के लिए घाटों पर चेंजिंग रूम भी बनाया गया. वहीं, घाट पर आने-जाने वाले मार्ग में दंडाधिकारी और पुलिस कर्मियों की भी तैनाती की गई. घाटों पर एसडीआरएफ के अलावा गोताखोर मुस्तैद दिखे.
कार्तिक पूर्णिमा लेकर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ पुराणों में कार्तिक पूर्णिमा का है खास महत्व
हिन्दू पंचाग के अनुसार साल का आठवां महीना कार्तिक महीना होता है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है. प्रत्येक वर्ष पंद्रह पूर्णिमाएं होती है. वहीं, जब मलमास या अधिकमास आता है, तब इनकी संख्या बढ़कर सोलह हो जाती है. सृष्टि के आरंभ से ही यह तिथि बड़ी ही खास होती है. साथ ही पुराणों में इस दिन स्नान, व्रत और तप की दृष्टि से मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है.
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सांसारिक पाप और ताप का होता है शमन
बता दें कि हिन्दू मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप और ताप का शमन होता है. इस दिन किये जाने वाले अन्न, धन और वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है.