मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में सदर थाना क्षेत्र के गोबरसही आनंद नगर मोहल्ला निवासी डिप्टी कमांडेंट शशांक शेखर उर्फ सोनू कुमार के घर डकैती की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मास्टरमाइंड कोई और नहीं उन्हीं का ड्राइवर था. उसके निशाने पर सुतापट्टी का बड़ा कपड़ा व्यवसायी थे. उन्हें लूटने का प्रोग्राम बनाया गया था. लेकिन, इससे पहले ही पुलिस ने पकड़ लिया.
आरोपी के पास से गोली और हथियार बरामद : उसे सदर थाने की पुलिस ने गोबरसही डुमरी रोड स्तिथ फोरलेन के पास पकड़ा है. उसके पास से हथियार और गोलियां भी बरामद की गई है. इसकी पुष्टि एएसपी नगर अवधेश सरोज दीक्षित ने की है. उन्होंने बताया की सदर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी. सूचना के आधार पर छापेमारी की गई. इसमें शातिर को पकड़ा गया. उससे पूछताछ की गई. पूछताछ में उसने बताया की उसी ने डिप्टी कमांडेंट के घर डकैती की घटना को अंजाम दिया था.
"आरोपी उनके यहां ड्राइवर की नौकरी करता था. उसे आइडिया था की घर के लोग कब बाहर रहते है. कब कौन क्या करता है. सब जनता था. इसी पर उसने साजिश रची थी. अब वह सुतापट्टी के एक बड़े कपड़ा व्यवसाई को लूटने वाले थे. व्यवसायी ट्रेन से दूसरे राज्य जाने वाला था. वह अपने साथ करीब 8 से 10 लाख रुपए लेकर निकलने वाला था. रुपये लेकर जैसे ही निकलता, उसे मोतीझील में लूट लेता. आरोपी पकड़ी इस्माइल का रहने वाला रामनाथ है. पूछताछ के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा. इस मामले में कथैया का रहने वाले रोहित को जेल भेजा जा चुका है."-अवधेश सरोज दीक्षित, एएसपी, नगर
कमांडेंट के घर हुई थी डकैती : बताते चलें कि बदमाशों ने 4 सितंबर को सिकंदरबाद में पोस्टेड सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट शशांक शेखर उर्फ सोनू कुमार की मां पूनम राय का बदमाशों ने हाथ-पैर और मुंह को बांधकर वारदात को अंजाम दिया था. हालांकि, उनके घर के पीछे वाले घर में काम कर रहे मजूदरों व उसी घर के लड़कियों की सूझबूझ से अपराधियों को खदेड़ दिया गया था. जाते जाते अपराधियों ने घर के बाहर फायरिंग भी की थी. आसपास के लोगों की तत्परता के कारण बदमाश बड़ी लूट की घटना को अंजाम नहीं दे सके थे उनके घर से मां का मोबाइल व पर्स ही लूटने में सफल हो सके. पर्स में कान का टॉप्स और झुमका आदि था.
पूनम के घिघिआने पर मजदूरों को हुआ था शक :डिप्टी कमांडेंट शशांक शेखर के पिता सत्यनारायण सिंह ने बताया था कि उन्हें दरभंगा के लहेरिया सराय स्थित रेस्तरां के लिए कुछ सामान भेजना था. इसकी खरीदारी के लिए वह घर से बाहर थे. अचानक पड़ोसी के मोबाइल से घटना की जानकारी मिली थी. इसके बाद वह आनन-फानन में घर पहुंचे थे. उस वक्त उनकी पत्नी पूनम राय बदहवास घर में बैठी थी. आसपास के लोग भी आ चुके थे. उनकी पत्नी ने बताया कि दोपहर करीब साढ़े 12 बजे चार युवक गेट खोलकर घर में घुसे थे.
चाकू के नोक पर उन्हें कब्जे में ले लिया था. फिर उनका हाथ और पैर बांध दिया था. इसके बाद मुंह में कपड़ा डालकर मुंह को भी बांध दिया था. वे सभी कमरे में कीमती सामान ढूंढने लगे थे. इस बीच घर के बाहर वाले मकान में निर्माण का काम चल रहा था. वहां के मजदूरों को पूनम के घिघियाने जैसी आवाज मिली. उनलोगों ने सूझबूझ दिखाते हुए मकान में रहने वाली लड़कियों को आवाज दी और वहां पहुंचकर शोर मचा दिया था. शोर की आवाज सुनकर सभी आनन-फानन में घर से भागने लगे थे। जब मोहल्ला के लोगों ने उन्हें खदेड़ा तो उनमें से एक ने फायरिंग कर दिया था.
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