मुजफ्फरपुर:बिहार के मुजफ्फरपुर मेंसड़क हादसे( Road Accident In Muzaffarpur) में कांग्रेस नेता धर्मवीर शुक्ला के भाई LIC अधिकारी ध्रुव शुक्ला (56 वर्षीय) की मौत (Dharamveer Shukla Brother Dies In Road Accident ) हो गई है. ध्रुव अपनी बेटी को कार ट्रेनिंग स्कूल में छोड़कर घर लौट रहे थे, तभी यह हादसा हुआ. घटना सदर थाना के गोबरसही चौक के समीप की है.
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मुजफ्फरपुर में काग्रेस नेता के भाई की मौत:एक तेज रफ्तार वाहन ने LIC में डीईओ के पद पर कार्यरत ध्रुव शुक्ला (56) को रौंद दिया. उनकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना के बाद कार लेकर चालक भाग निकला. मृतक मोतीपुर स्थित LIC ऑफिस में तैनात थे. वे कांग्रेस नेता सह भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट के स्टेट सेक्रेट्री धर्मवीर शुक्ला के भाई थे. मूल रूप से वैशाली लालगंज के रहने वाले थे. वर्तमान में शहर में ही परिवार के साथ रहते थे. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
बेटी को छोड़कर लौट रहे थे घर: कांग्रेस नेता ने बताया कि उनके भाई प्रतिदिन अपनी बेटी को गोबरसही में कार ट्रेनिंग सेंटर स्कूल में पहुंचाने जाते थे. आज भी उसे छोड़कर बाइक से घर लौट रहे थे. तभी एक तेज रफ्तार कार ने उन्हें कुचल दिया. घटना से पूरे परिवार में कोहराम मच गया है. पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया. कांग्रेस नेता ने बताया कि दाह संस्कार पैतृक गांव लालगंज में ही होगा.
"ध्रुव शुक्ला रोज अपनी बेटी को गोबरसही में कार ट्रेनिंग सेंटर स्कूल में पहुंचाने जाते थे. आज भी बेटी को ट्रेनिंग स्कूल में छोड़कर वापस बाइक से लौट रहे थे. तभी कार ने उन्हें कुचल दिया."- धर्मवीर शुक्ला, कांग्रेस नेता
पूर्व मंत्री अजित कुमार समेत कई नेता पहुंचे:घटना की सूचना मिलने पर पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, पूर्व मंत्री अजीत कुमार समेत कई नेता और जनप्रतिनिधि मेडिकल में पहुंचे और कांग्रेस नेता और उनके परिवार को ढाढस बंधाया. पूर्व मंत्री समेत सभी ने परिवार को इस दुखद घड़ी से लड़ने की हिम्मत और सांत्वना दी. पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा की घटना काफी दुखद है. इस तरह से अक्सर सड़क हादसे होते रहते हैं. जिसपर पुलिस प्रशासन को गंभीरता से विचार कर इसपर रोक लगाने की जरूरत है.
"घटना काफी दुखद है.इस तरह के हादसे अक्सर होते रहते हैं. पुलिस प्रशासन को इसपर गंभीरता से विचार कर इसपर रोक लगाने की जरूरत है."- अजीत कुमार, पूर्व मंत्री