मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले में कोरोना काल (Corona Pandemic) को लेकर 700 से अधिक अतिरिक्त मानव बलों (Health Workers) की बहाली में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने इसे रद्द कर दिया. इस मामले में सिविल सर्जन (Civil Surgeon) की मुश्किलें कम होने के बजाय और बढ़ गई हैं.
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बहाली में अनियमितता का आरोप
इस मानव बल की बहाली को लेकर मुजफ्फरपुर के विधान पार्षद दिनेश सिंह ने जिला परिषद की बैठक में इसमें अनियमितता का आरोप लगाया. इसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया है. जिला परिषद की बैठक में मानव बल बहाली प्रकरण में सिविल सर्जन की भूमिका पर सवाल उठने के बाद सिविल सर्जन ने भी मोर्चा खोल दिया है.
सिविल सर्जन और विधान पार्षद आमने-सामने
मुजफ्फरपुर के विधान पार्षद दिनेश सिंह के खिलाफ बड़ा बयान देते हुए सिविल सर्जन ने इस बहाली में दिनेश सिंह के लोगों को भी शामिल करने का दावा किया है. इससे यह विवाद और बढ़ गया है. इस मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. एस. के. चौधरी और विधान पार्षद दिनेश सिंह आमने सामने आ गए हैं.
सिविल सर्जन के बयान को बताया बेतुका
सिविल सर्जन के बयान को बेतुका बताते हुए विधान पार्षद ने कहा कि अगर उनके लोगों की बहाली होती तो वे स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली में घोटाले का मामला जिला परिषद की बैठक में उठाते हुए जांच की मांग क्यों करते. इस मामले में पैसों का खेल उजागर होने के बाद अब सिविल सर्जन खुद कटघरे में खड़े हैं. ऐसे में वो इस मामले से सभी का ध्यान हटाने के लिए मेरा नाम घसीट रहे हैं.