मुजफ्फरपुर: गर्मी शुरू होने के साथ ही जिले में चमकी बुखार से जुड़े मामले सामने आने लगे हैं. चमकी बुखार से जुड़ा पहला मामला जिले के कांटी प्रखंड के ढेमहा पंचायत के रामपुर गांव के वार्ड नंबर एक में आया है. जहां 15 मार्च को एक वर्ष का बच्चा सनी कुमार इसका पहला शिकार हुआ है. उसे शरीर में चमकी के साथ बुखार की शिकायत होने पर गंभीर हालत में एसकेएमसीएच मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है.
15 मार्च को पड़ा चमकी बुखार का दौरा
जिले में प्रशासन के चमकी बुखार को लेकर चलाए जा रहे तमाम दावों की पोल अब धीरे-धीरे खुलने लगी है. तमाम प्रशासनिक दावों के बीच मुजफ्फरपुर में फिर से चमकी बुखार का कहर सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में शुरू हो गया है. जहां इस रहस्यमई बीमारी के शिकार बच्चे होने लगे हैं. इसी क्रम में पहला मामला मुजफ्फरपुर के कांटी प्रखंड के ढेमहा पंचायत के रामपुर गांव में सामने आया है. जहां शंकर साहनी का एक साल का बेटा शिकार हुआ है. उसे 15 मार्च को चमकी बुखार का दौरा पड़ने के बाद गंभीर हालत में मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया.
जिला प्रशासन ने झाड़ा पल्ला
शनि बहुत ही खुशनसीब है कि उसे समय पर उचित चिकित्सीय सहायता मिली और उसकी जान बच गयी. लेकिन मामले का सबसे दुखद पहलू यह है कि इस बीमारी को लेकर हमेशा अपनी जिम्मेदारी और जबाबदेही से भागने वाली मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन इस मामले में अपना पल्ला झाड़ते हुए इसे चमकी बुखार मानने के बजाय मेडिकल टर्म में सिवियर फीवर का केस करार दे रही है.