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मुजफ्फरपुर में अब तक चमकी बुखार के दस मामले, दो बच्चे पीकू वार्ड में हैं इलाजरत - शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गोपाल शंकर साहनी

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (Chamki Bukhar in Muzaffarpur) फिर से सिर उठाने लगा है. अब तक 10 बच्चे चमकी बुखार के पीड़ित हो चुके हैं. जिनमें से सात बच्चे ठीक हो गए हैं. जिले में दो नए मामले सामने आने के बाद से जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. पढ़ें पूरी खबर..

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार

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Published : Apr 8, 2022, 7:10 PM IST

मुजफ्फरपुर:बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के मामले फिर से बढ़ने (AES Cases in muzaffarpur) लगे हैं. हाल ही में दो बच्चों को श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज (SKMCH) के पीकू वार्ड में भर्ती किया गया. अस्पताल के उपाधीक्षक सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि जनवरी से अब तक 10 बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए थे. सभी बच्चों में चमकी बुखार के लक्षण पाए गए थे. इनमें से सात बच्चे स्वस्थ्य होकर घर लौट चुके हैं. अभी दो बच्चे पीकू वार्ड में भर्ती है. जबकि सीतामढ़ी के एक बच्चे की मौत हो गई थी.

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डॉक्टरों के निगरानी में दो सस्पेक्टेड बच्चे:मिली जानकारी के अनुसार इन दस बच्चों के अलावा दो सस्पेक्टेड बच्चे भी पीकू वार्ड में भर्ती है. इन बच्चों में भी चमकी बुखार के लक्षण पाए गए थे. जिसके बाद बच्चों को पीकू वार्ड में भर्ती किया गया. फिलहाल दोनों बच्चों पर डॉक्टर निगरानी रख रहे है. अस्पताल में भर्ती सभी बच्चों की हालत ठीक है. बता दें कि पिछले साल 2019 में चमकी बुखार से डेढ़ सौ बच्चे की मौत हुई थी. जिला प्रशासन चमकी बुखार के बढ़ते मामले को देखते हुए अलर्ट मोड पर है. जिले भर में बीमारी को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें लोगों को बच्चे का विशेष ध्यान रखने की अपील की जा रही है.

चमकी बुखार के लक्षण : इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं. साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना. अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.

इन बातों का रखें ध्यान :बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं. स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें. बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें. रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें. बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

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