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मुजफ्फरपुरः मनाया गया सावित्री बाई फुले का जयंती समारोह - सावित्री बाई फुले की 190 वीं जयंती

त्रिवेणी प्रसाद यादव ने कहा की सावित्री बाई फुले देश की क्रांति ज्योति थी. उन्होंने तत्कालीन रूढ़िवादी समाज में नारी शिक्षा के लिए एक जनवरी 1848 को नौ बालिकाओं को लेकर पुणे में कन्या पाठशाला की शुरुआत कर अभूतपूर्व कार्य किया.

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Published : Jan 3, 2021, 6:53 PM IST

मुजफ्फरपुरः जिले में रविवार को देश की पहली शिक्षिका, मराठी भाषा की आदि कवियत्री सावित्री बाई फुले की जयंती मनाई गई. औराई तक्षशिला पब्लिक स्कूल के प्रांगण में सावित्री बाई फुले की 190 वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान उनके चित्र पर माल्यार्पण करके श्रद्धांजलि दी गई.

सावित्री बाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण
औराई तक्षशिला पब्लिक स्कूल के प्रांगण में आयोजिक कार्यक्रम में शिवहर, मधुबनी, मुजफ्फरपुर जिले के सैकड़ों निजी विद्यालय के संचालक उपस्थित रहे. इस दौरान सावित्री बाई फुले के जीवन पर प्रकाश डाला गया. वहीं सहाना कॉलोनी में शिक्षक उपेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में सावित्री बाई फुले की जयंती धूमधाम से मनाई गई. इसमें मुख्य अतिथि समाजसेवी त्रिवेणी प्रसाद यादव ने सावित्री बाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण करके जयंती समारोह का शुभारंभ किया.

नारी शिक्षा को मिला बढ़ावा
कार्यक्रम में वक्ताओं ने सावित्री बाई के जीवन और संघर्षो पर अपने विचार रखे. त्रिवेणी प्रसाद यादव ने कहा की सावित्री बाई फुले देश की क्रांति ज्योति थी. उन्होंने तत्कालीन रूढ़िवादी समाज में नारी शिक्षा के लिए एक जनवरी 1848 को नौ बालिकाओं को लेकर पुणे में कन्या पाठशाला की शुरुआत कर अभूतपूर्व कार्य किया. लोगों के विरोध के बावजूद वे निरंतर शिक्षा के प्रचार प्रसार में लगी रहीं. विधवा विवाह, छुआछूत, अंधविश्वास के खिलाफ आंदोलन किया. साल 1896 में सावित्री बाई फुले महाराष्ट्र में भीषण प्लेग फैलने पर अस्पताल खोलकर लोगों की सेवा करते समय बीमारी से ग्रसित हो गईं. उनकी प्रेरणा से नारी शिक्षा को बढ़ावा मिला.

सावित्री बाई ने जलाई समाज में शिक्षा की जोत
शिक्षक उपेंद्र शर्मा ने कहा कि माता सावित्री बाई ने सभी वर्ग व समाज की महिलाओं को शिक्षित करने का काम किया. इसके लिए देश की महिलाएं हमेशा उनकी ऋणी रहेंगी. रोहित यादव ने कहा की सावित्री बाई ने उस समय समाज में शिक्षा की जोत जलाई, जब समाज में महिलाओं को शिक्षा का अधिकार नहीं था. तब उन्होंने शिक्षक बन के पूरे समाज में एक मिसाल कायम की और फिर महिलाओं को शिक्षित बनाया.

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