मुजफ्फरपुरः लॉकडाउन की मार और फाइनेंस कंपनी की ज्यादती ने मुजफ्फरपुर के एक ऑटो चालक को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया. ऑटो चालक लोन की राशि चुकाने के प्रेशर को नहीं झेल पाया उसने फांसी लगा ली. चालक की इस तरह मौत के बाद उसकी मां, बीवी और बच्चे बेसहारा हो चुके हैं.
कोरोना महामारी अब कई रूपों में लोगों की जान पर भारी पड़ रही है. इससे जुड़ा एक दर्दनाक मामला मुजफ्फरपुर से सामने आया है. जहां लॉकडाउन से ठीक पहले लोन पर ऑटो लेना सिकंदरपुर के कुंडल निवासी सुजीत साहनी और उनके परिवार को महंगा पड़ा. सुजीत को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.
तनाव में था ऑटो चालक सुजीत
दरअसल लॉकडाउन में ऑटो का संचालन नहीं होने के कारण सुजीत तीन महीने तक ऑटो का लोन जमा नहीं कर पाया था. जिसके बाद फाइनेंस कंपनी ने 24 नवम्बर को उसका ऑटो जबरन जब्त कर लिया. जिससे तनाव में आए चालक सुजीत सहनी ने फांसी लगाकर अपने घर में आत्महत्या कर ली. ऐसे में सुजीत की पत्नी और उसके तीन अबोध बच्चों की जिंदगी बर्बाद हो गई है.
लोन पर लिए गए ऑटो के कागजात की प्रति लॉकडाउन के कारण लंबे समय तक कमाई बंद होने के कारण सुजीत कई माह से किस्त जमा नहीं कर रहा था. 14 हजार रुपये बकाया हो गए थे. ऐसे में आर्थिक तंगी से तंग आकर उसने दुनिया छोड़ने का फैसला कर लिया.
फाइनेंस कंपनी ने नहीं दी मोहलत
अब इस मामले को लेकर सुजीत के परिजनों ने मुजफ्फरपुर के सदर थाना में फाइनेंस कम्पनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. मृतक की पत्नी के अनुसार घटना की सुबह कंपनी के प्रतिनिधि सुजीत के घर आए थे. सुजीत ने किस्त चुकाने के लिए कुछ दिनों की मोहलत मांगी थी लेकिन कंपनी के प्रतिनिधियों ने उसके गिड़गिड़ाने के बाद भी मोहलत नहीं दी और ऑटो लेकर चले गए.