मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में बीते 26 दिसंबर 2021 को हुए नूडल्स फैक्ट्री बॉयलर ब्लास्ट (Muzaffarpur Boiler Blast) मामले में कंपनी के मालिक समेत पांच के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी (Arrest Warrant Against Five Person) किया गया है. अंशुल स्नैक्स व बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विकास मोदी, उनकी पत्नी श्वेता मोदी समेत पांच आरोपितों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. यह वारंट सीजेएम आफताब आलम की कोर्ट ने जारी किया है.
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बॉयलर विस्फोट मामले में बेला थानेदार कुंदन कुमार की ओर से दाखिल अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करते हुए एसीजेएम आफताब आलम ने वारंट जारी करने का यह आदेश दिया. अंशुल स्नैक्स व बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विकास मोदी और उसकी पत्नी श्वेता मोदी, मैनेजर उदय शंकर, सुपरवाइजर राहुल कुमार एवं दिग्विजय कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. कोर्ट से वारंट का आदेश प्राप्त कर बेला थाना पुलिस ने पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज कर दी है.
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श्वेता मोदी की तरफ से दाखिल अग्रिम जमानत याचिका पर आज सुनवाई होगी. जिला जज की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी. न्यायालय सूत्रों के अनुसार अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान जिला जज की तरफ से केस की डायरी डिमांड की जाएगी. उसके पश्चात अग्रिम जमानत पर फैसला लिया जाएगा. फिलहाल जानकारी के अनुसार कंपनी के निदेशक एवं अन्य नामजद अभियुक्तों की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है.
आपको बता दें कि बीते 26 दिसंबर की सुबह नूडल्स फैक्ट्री में बॉयलर विस्फोट पर 5 मजदूरों की मौत हुई थी. इसके साथ ही बगल के एक चुड़ा मिल फैक्ट्री में काम कर रहे दो अन्य मजदूरों की भी दर्दनाक मौत हो गई थी. कुल मिलाकर इस घटना में 7 मजदूरों की मौत हुई थी. साथ ही कई मजदूर घायल भी हुए थे. घटनास्थल के आसपास की कई कंपनियों और घरों समेत गाड़ियों को भी काफी क्षति हुई थी.
इस मामले में बेला थाना में बियाड़ा के अधिकारी ने कंपनी के मालिक विकास मोदी उनकी पत्नी श्वेता मोदी समेत जिम्मेवार कंपनी के कर्मियों के खिलाफ नामजद और अज्ञात मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस सभी का नाम पता सत्यापन कर कोर्ट में गिरफ्तारी वारंट की अर्जी दाखिल की थी. जिस पर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी वारंट निर्गत कर दिया. वहीं, दूसरी और आपको बताते चलें कि प्रशासन द्वारा सील किए गए कंपनी में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस की तैनाती की गई है, जो 24 घंटे कंपनी की सुरक्षा में तैनात है. अब देखना यह होगा कि गिरफ्तारी वारंट मिलने के बाद कितनी जल्द अभियुक्तों की गिरफ्तारी होती है और क्या कुछ आगे न्यायालय द्वारा फैसला सुनाया जाता है
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