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चमकी बुखार पर जागरूकता अभियान, 'अडॉप्ट अ विलेज कार्यक्रम' के तहत डोर-टू-डोर केंपेन - MUZAFFARPUR

अडॉप्ट अ विलेज कार्यक्रम के तहत चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर जिले पदाधिकारियों एवं कर्मियों के द्वारा अपने-अपने पंचायतों में जाकर एईएस/ चमकी बुखार को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया गया.

मुजफ्फरपुर
अडॉप्ट अ विलेज कार्यक्रम

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Published : Apr 3, 2021, 9:52 PM IST

मुजफ्फरपुर: "अडॉप्ट अ विलेज' कार्यक्रम के तहत एईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण करने के मद्देनजर गोद लिए हुए पंचायतों में पदाधिकारियों ने अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए चमकी को लेकर सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया. अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा संबंधित पंचायतों में बैठकें की गई. साथ ही महादलित टोलों में भ्रमण करते हुए बच्चों एवं अभिभावकों को चमकी को लेकर जागरूक किया गया.

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डोर टू डोर भ्रमण कर किया गया जागरुक
अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा पंपलेट भी बांटे गए और पढ़कर भी सुनाए गए. संबंधित पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों समुदायिक भवन, स्वास्थ्य केंद्रों इत्यादि का भी निरीक्षण किया गया और आंगनवाड़ी सेविका /सहायिका एवं आशा को प्रेरित किया गया कि वे नियमित रूप से डोर टू डोर भ्रमण करते हुए आम लोगों को चमकी के प्रति जागरूक करना जारी रखें.

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बच्चों को ना रहने दें खाली पेट
इस क्रम में प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार पानापुर हवेली पंचायत के दामोदरी गांव पहुंचे. उन्होंने उपस्थित अभिभावकों एवं बच्चों को एईएस /चमकी बुखार को लेकर जागरूक किया. अभिभावकों से अपने बच्चों का ख्याल रखने की अपील भी की. मनीष कुमार ने कहा, बच्चों को धूप में ना खेलने दें. साथ ही उसे खाली पेट भी ना रहने दे. विशेषकर माताएं अपने बच्चों की देखभाल के प्रति गंभीर रहें.

'प्रत्येक अभिभावक अपने बच्चों को सुबह में जरूर देख ले कि उसकी क्या स्थिति है. यदि बुखार की स्थिति बनती है तो शीघ्र ही उसे नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाना सुनिश्चित करें. चमकी के लक्षण दिखाई देते ही बिना समय गवाएं बच्चें को अस्पताल पहुंचे. निकट के अस्पतालों में चमकी को लेकर प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है'.-मनीष कुमार, प्रमंडलीय आयुक्त


गौरतलब है चमकी बुखार में अकसर रात के तीसरे पहर और सुबह में तेज बुखार का अटैक आता है. अमूमन यह बीमारी उन बच्चों पर ज्यादा प्रभावी होती है जिनका ग्लूकोज लेवल कम रहता है. यही वजह है स्वास्थ्य विभाग ने सभी एईएस प्रभावित इलाकों में बच्चों को सही न्यूट्रिशन देने की गाइडलाइंस जारी किया है.

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