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Published : Aug 30, 2022, 1:37 PM IST

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मुजफ्फरपुर में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, बोले पीड़ित, अचानक आकर तोड़ दिया घर

मुजफ्फरपुर के Sakra police station क्षेत्र में दो पट्टीदारों में चला आ रहा वर्षो पुराना जमीन विवाद आखिरकार बुलडोजर चलाकर समाप्त कराया गया. प्रशासन द्वारा बुलडोजर की कार्रवाई को पीड़ित परिवार ने गलत ठहराते हुए कहा कि इसकी पहले से कोई सूचना नहीं थी. अचानक आकर घर तोड़ दिया गया.

मुजफ्फरपुर में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर
मुजफ्फरपुर में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर

मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर जिले केसकरा थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर दोनमा गांव में जमीन पर अवैध रूप से किए गए कब्जे को बुलडोजर (Bulldozer On Encroachment In Muzaffarpur) की मदद से हटाया गया. उधर पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्हें इस कार्रवाई के लिए पहले से कोई नोटिस नहीं दी गई थी. ये अतिक्रमण भूमि सुधार उप समाहर्ता पूर्वी के आदेश पर सीओ संजय कुमार (CO Sanjay Kumar) और प्रशिक्षु डीएसपी के नेतृत्व में हटाया गया.

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बुलडोजर से ध्वस्त किया गया घरःदरअसल रघुनाथपुर दोनवां गांव वार्ड 10 में दो पट्टीदारों में वर्षो पुराना जमीन विवाद सोमवार को अंतिम रूप से समाप्त कराया गया. डीसीएलआर के आदेश पर भारी संख्या में पहुंची सकरा पुलिस ने मजिस्ट्रेट सीओ संजय कुमार की मौजूदगी में मोहम्मद मुस्ताक के बने घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया. इस कार्रवाई को लेकर मो. मुस्ताक ने आरोप लगया कि मेरे दादा मो. निसार ने 1969 में ही यह घर बनाया था. तब से हम इसमें रह रहे थे. मैंने अधिकारियों से काफी गुहार लगाई पर घर से एक भी सामान बाहर नहीं निकाल पाए. कोई सूचना भी नहीं दिया और अचानक घर तोड़ दिया गया.

"मैनें ये कब्जा नहीं किया था. मेरे दादा मो. निसार ने 1969 में ही यह घर बनाया था. तब से हमलोग रह रहे थे. मैंने अधिकारियों से काफी गुहार लगाई पर घर से एक भी सामान बाहर नहीं निकाल दिया गया. पहले से इसकी सूचना भी नहीं दी गई थी आज अचानक घर तोड़ दिया गया"- मोहम्मद मुस्ताक, पीड़ित

सालों से कब्जा जमाए थे लोगः इस मामले में दूसरे पक्ष के मो. नौशाद ने बताया कि यह जमीन मेरी है. जिस पर वे लोग सालों से कब्जा जमाए हुए थे. इसलिए मैंने डीसीएलआर के यहां शिकायत की थी. जिसके बाद सीओ साहेब और थानेदार साहेब ने हमको न्याय दिलाकर बड़े विवाद से बचाया है.

सूचना के बाद अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीनः वहीं, मजिस्ट्रेट सह अंचलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि मामले में कई बार जनता दरबार में भी खाली करने को कहा गया था. थानेदार द्वारा भी इनलोगों को समझाया गया था लेकिन वे लोग जमीन को अतिक्रमण मुक्त नहीं कर रहे थे. पूर्व में सूचना के बाद ही अतिक्रमण मुक्त कराया गया है.

"कई बार अतिक्रमण हटाने को कहा गया था. लेकिन अतिक्रमणकारियों ने नहीं सुनी, इसके बाद ये कार्रवाई करनी पड़ी. पहले से इसकी सूचना दे दी गई थी"- संजय कुमार, मजिस्ट्रेट सह अंचलाधिकारी

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