मुजफ्फरपुर: बिहार के बाहर से आने वाले प्रवासियों के कारण कोरोना संक्रमण का मामला बढ़ रहा है. जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 12 हो गई है. वहीं, दूसरी ओर जिला प्रशासन चमकी बुखार से जूझ रहा है. यहां अब तक एईएस/चमकी बुखार से चार बच्चों की मौत हो चुकी है. इसको लेकर एसकेएमसीएच अस्पताल को कोरोना जांच से अलग कर दिया गया है. ताकि अस्पताल में चमकी बुखार से बच्चों की जांच हो सके.
AES पर प्रशासन अलर्ट, SKMCH को कोरोना जांच से किया गया अलग - chamki fever tretment
मुजफ्फरपुर में कोरोना और चमकी बुखार को मद्देनजर प्रशासन ने एसकेएमसीएच अस्पताल से कोरोना सेंटर को अलग कर दिया है. ताकि एईएस से पीड़ित बच्चों का इलाज हो सके.
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कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मामले और एईएस को लेकर जिला प्रशासन दोहरी चुनौती से गुजर रहा है. चमकी के बढ़ते मामलों के बीच जिला प्रशासन ने एसकेएमसीएच मेडिकल कालेज की महत्व को देखते हुए कोरोना से पीड़ित मरीजों की इलाज के लिए शहर से बाहर एनएच-28 पर एक निजी अस्पताल को कोरोना कोविड सेंटर बनाया गया है. जहां अभी फिलहाल कोरोना से संक्रमित 9 मरीजों का इलाज चल रहा है.
AES पर प्रशासन गंभीर
एईएस की गंभीरता को देखते हुए ही कोविड केयर सेंटर के रूप में ग्लोकल अस्पताल मुजफ्फरपुर को अधिग्रहित किया गया है. जहां मरीजों का इलाज चल रहा है. चमकी के बढ़ रहे मामलों के बीच जिला प्रशासन की पूरी कोशिश है कि जब तक संभव तब तक एसकेएमसीएच को कोरोना के मरीजों से दूर रखा जाए. इसको लेकर फिलहाल एसकेएमसीएच में बने कोरोना के आइसोलेशन वार्ड को फिलहाल स्टैंड बाई मोड़ में रखा गया है.