मुजफ्फरपुर:जिले में एईएस से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. एसकेएमसीएच अस्पताल में बुधवार को एक और बच्चे की मौत चमकी बुखार के कारण हो गई है. इससे मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़ कर194 हो गई है. हालांकि एईएस से इसी अस्पताल में दो और बच्चों की मौत हुई लेकिन डॉक्टरों ने इसकी पुष्टि नहीं की है. हॉस्पिटल के पीआईसीयू में 14 बच्चे भर्ती हैं. इनमें से कई की हालत गंभीर बताई गई है.
एईएस का प्रकोप अभी जारी
ऐसा माना जाता है कि बारिश आते ही इस बुखार का प्रकोप कम हो जाता है. मुजफ्फरपुर में हुई बारिश के बाद से चमकी पीड़ितों की संख्या में गिरावट तो आई है. लेकिन इस बीमारी का प्रकोप अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. एईएस से मरने वालों बच्चों की कुल संख्या अब बढ़कर194 हो गई है. हालांकि, सरकारी आंकड़ा 137 है. इनमें 116 बच्चों की मौत एसकेएमसीएम और 21 बच्चों की मौत केजरीवाल अस्पताल में हुई है.
अस्पताल में पीड़ित बच्चे और परिजन जानिए क्या हैं इसके लक्षण :
- एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
- अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
- इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
- गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
- तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते है.
- अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
- चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
अस्पताल में पीड़ित के परिजन
इन बातों का रखें ध्यान :
- बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
- मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
- तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
- बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
- अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
- पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
- एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी.
- चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
- ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.