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स्कूल में नाच-गाकर बच्चों को आसानी से पढ़तीं हैं शिक्षिका, बच्चों में विद्यालय जाने की जगी लालसा - ईटीवी भारत न्यूज

मुंगेर में जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर सदर प्रखंड क्षेत्र के गंगा किनारे बसे गांव तेरासी में अवस्थित मध्य विद्यालय तेरासी देव टोला में शिक्षिका द्वारा बच्चों को पढ़ाने के तरीके की चारों ओर चर्चा (Discussion around the method of teaching Munger) हो रही हैं. विद्यालय में साउंड सिस्टम पर विभिन्न गानों के माध्यम से हस्ते खेलते शिक्षिका द्वारा बच्चों को पढ़ाया जाता है. पढ़ें पूरी खबर

मुंगेर में शिक्षक के पढ़ाने का अंदाज अनोखा
मुंगेर में शिक्षक के पढ़ाने का अंदाज अनोखा

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Published : Jan 1, 2023, 9:52 PM IST

मुंगेर:बिहार के मुंगेर में शिक्षक के पढ़ाने का अंदाज अनोखा हो तो बच्चों को भी पढ़ने और उसे समझने में आसानी होती है. ऐसे ही एक शिक्षिका रिंकी शर्मा मध्य विद्यालय तेरासी देव टोला में पढ़ाती हैं. उनके पढ़ाने का अंदाज काफी अलग है. वे बच्चों को गाना गाते हुए काफी सरल तरीके से कठिन से कठिन अंग्रेजी को आसानी से समझा (Students learning English by Singing In Munger) देती हैं. बच्चों को भी उनका अंदाज काफी पसंद आता है.

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लोगों का भा रहा शिक्षक का स्टाइल:इस अनोखे शिक्षिका को आप पहली बार नहीं, इससे पहले भी गर्मी की छुट्टी के दौरान भी सुना और देखा होगा. उनके पढ़ाने का यह तरीका लोगों को खूब पंसद आ रहा है. बच्चों के साथ-साथ अभिभावक भी काफी पसंद कर रहे हैं. शिक्षिका रिंकी शर्मा ने बताया कि विद्यालय के बच्चों को एक्टिविटी आधारित शिक्षा दी जाती है. जिसमे बहुत सारी गतिविधियों को बच्चों के साथ मिलकर की जाती हैं.



"शिक्षिका बीटीएस कोर्स की ट्रेनिंग कर आई है. जहां उन्हें सिखाया गया है कि बच्चों को किस तरह पढ़ाया जाए,जिससे बच्चे आसानी से समझ सके. अब प्राइवेट विद्यालय की तरह सरकार विद्यालय ने भी बच्चों की जोत जगाने को लेकर काफी मुस्तैदी दिख रही हैं."- सुबोध कुमार, प्रधानाध्यापक

शनिवार को "नो बैग डे" मानते हैं बच्चे :स्थानीय लोगों ने कहा कि विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के इस अनोखे अंदाज से बच्चों में विद्यालय जाने की लालसा जगा दी है. बच्चे रोजाना विद्यालय जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही मुंगेर जिलाधिकारी नवीन कुमार के प्रयास से 22 कचरा चुनने वाले बच्चों को विद्यालय तक पहुंचाया गया. अब इस विद्यालय में पढ़ाई को लेकर अपनाए गए विशेष तरीके ने बच्चों का दिल जीत लिया है. इस विद्यालय के बच्चे शनिवार को "नो बैग डे" मानते हैं. इस दिन बच्चों को बैग नहीं लाना होता है. बच्चे विद्यालय में विभिन्न एक्टिविटी के आधार पर पढ़ाई करते हैं.

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