मुंगेर:जिले में सब्जी की कीमतें काफी कम है. यहां हजारों एकड़ में गंगा के मैदानी भाग और पहाड़ की तराई में सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. लेकिन इस साल किसानों को जबरदस्त घाटा उठाना पड़ रहा है. इस बार ऊपज अधिक हुई है और खपत कम हो रही है.
सब्जियों की नहीं मिल रही सही कीमत लॉकडाउन के कारण किसानों की सब्जी बाजार में आती जरूर थी लेकिन उन्हें उसके औने-पौने दाम ही मिल पाते थे. अनलॉक होने के बाद किसानों में थोड़ी उम्मीद जगी कि अब सब्जी की कीमतें बढेंगी, लेकिन अभी भी मुंगेर के बाजार में सब्जियों की कीमत कम ही मिल रही है.
सब्जी व्यापारियों पर कोरोना की मार क्या कहते हैं व्यापारी
थोक व्यापारी गुड्डू ने बताया कि पिछले साल मई, जून और जुलाई के महीने में सब्जियों की कीमत अधिक थी . जो परवल अभी हम 15 रुपये किलो अभी बेचते है वो उस समय 40 से 50 रुपये थी. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण शादी विवाह जैसे बड़े आयोजनों पर भी रोक लगी हुई है. इस कारण सब्जी की मांग कम हो गई है.
व्यापारियों ने बताया कि कोरोना के भय के कारण कोई बाहर के खरीदार यहां नहीं आ रहे हैं. यहां हजारों एकड़ में सब्जियां उगाई जाती है. परवल, भिंडी, करेला, नेनुआ यहां से रांची, बंगाल और अन्य जिले जाते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. मुंगेर की सब्जियां मुंगेर में ही बिक रही हैं. इसके कारण कीमतें कम हो गई हैं.
इन इलाकों में उगाई जाती है सब्जियां
मुंगेर जिले के गंगा के मैदानी भाग एवं पहाड़ की तराई वाले इलाके में सब्जियां उगाई जाती हैं. इसके अलावा जिले के तारापुर,संग्रामपुर, खड़कपुर, नौवागढ़ी, बरियारपुर, धरहरा, मुंगेर हेमजापुर, हेरु दियारा, सीता चरण दियारा, टिकरामपुर में बड़े पैमाने परवल, करेला, कद्दू , भिंडी, हरि मिर्च, नेनुआ की सब्जी उगाई जाती है.
लॉकडाउन के कारण नहीं हो रही ज्यादा खरीददारी थोक सब्जी मंडी का भाव
- परवल ₹15 प्रति किलो
- भिंडी ₹5 प्रति किलो
- कद्दू ₹7 प्रति पीस
- हरी मिर्च ₹10 प्रति किलो
- करेला ₹8 प्रति किलो
- खीरा ₹5 प्रति किलो
- धनिया का पत्ता ₹20 प्रति किलो
- फूलगोभी ₹15 प्रति पीस
- पत्ता गोभी ₹10 प्रति पीस
- ब्रोकली ₹10 प्रति पीस
- बींस ₹8 प्रति किलो
- हरा साग ₹8 प्रति किलो
- लाल साग ₹10 प्रति किलो
नहीं मिल रही सही कीमत
किसान गैनु महतो ने कहा कि उन्हें सब्जी की सही किमत नहीं मिल रही है. उन्होंने बताया कि 5 से 6 रुपये प्रति किलो भिंडी उगाने का खर्च है. लेकिन वर्तमान में 5 रुपये किलो ही बाजार में भिंडी का भाव है. ऐसे में उपज की कीमत कैसे मिलेगी.