बिहार

bihar

ETV Bharat / state

इस नेत्रहीन को है रंगों की अच्छी पहचान, 20 साल से चला रहे जूते-चप्पल की दुकान

मुंगेर के एक ब्लाइंड दुकानदार दिव्यांगों के लिए प्रेरणा हैं. दोनों आंखों की रोशनी चले जाने के बाद भी उन्हें रंगों की अच्छी समझ है. वह 20 साल से जूते-चप्पल की दुकान चला रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

By

Published : Sep 3, 2021, 9:24 AM IST

Shopkeeper Tinku Tiwari
दुकानदार टिंकू तिवारी

मुंगेर:बिहार के मुंगेर (Munger) के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित पंडित दीनदयाल चौक पर जूते-चप्पल की दुकान चलाने वाले टिंकू तिवारी नेत्रहीन हैं. इन्हें दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता. वह पिछले 20 साल से दुकान चला रहे हैं. टिंकू जूते-चप्पल के रंग अच्छी तरह समझते हैं. उन्हें सभी तरह के नोट और सिक्कों की भी पहचान है. उनकी खूबी देखकर ग्राहक भी हैरान रह जाते हैं.

यह भी पढ़ें-OMG! लंबे समय से सूनी थी कोख, फिर एक साथ 3 बच्चे को महिला ने दिया जन्म

टिंकू तिवारी ने कहा, '7 साल की उम्र में मेरी आंखों की रोशनी चली गई थी. पिताजी दुकान चलाते थे. मैं उनका इकलौता संतान था. उनके निधन के बाद मुझपर अचानक दुकान चलाने की जिम्मेदारी आ गई. मैं आंखों से देख नहीं सकता, जिसके कारण शुरू में परेशानी हुई, लेकिन अब कोई दिक्कत नहीं होती. ग्राहक जिस रंग के चप्पल और जूते मांगते हैं, दे देता हूं.'

देखें रिपोर्ट

"पैसों की भी मुझे पहचान है. छूकर पता लगा लेता हूं कि 100 रुपये का नोट है या 500 रुपये का. मुझे सभी प्रकार के नोट की पहचान है. नए नोट में थोड़ी परेशानी होती है, लेकिन अब उसे भी पहचानने लगा हूं."- टिंकू तिवारी, दुकानदार

"मैं पहली बार इनकी दुकान पर आया हूं. इन्होंने मुझे साइज और मेरे बताये रंग का जूता निकालकर दिया. बाद में पता चला कि नेत्रहीन हैं तो अचंभा हुआ."- सुजीत साव, ग्राहक

बता दें कि टिंकू तिवारी का घर बाजार से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. घर आने जाने में मां सहयोग करतीं हैं. वहीं, दुकान पर भी मां मदद के लिए एक-दो घंटे बैठतीं हैं. वह पूरी तरह नेत्रहीन होने के बाद भी बेझिझक दुकान चला लेते हैं.

यह भी पढ़ें-अस्पताल में पैदा हुआ बेटा, घर जाते समय मां को थमा दी बेटी, अब DNA टेस्ट का इंतजार

ABOUT THE AUTHOR

...view details