मुंगेर: देश के 52 शक्तिपीठों में से एक मुंगेर के नगर देवी के रूप में प्रतिष्ठित मां चंडिका मंदिर के कपाट दोबारा बंद कर दिए गए हैं. मंदिर प्रबंधन का कहना है कि भक्तों की ओर से गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा था. सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही थी. इस कारण मजबूरन यह फैसला लिया गया.
दरअसल, 8 जून से अनलॉक-1 में रियायतों के बाद मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया गया था. जिसके बाद काफी संख्या में लोग पूजा-अर्चना करने पहुंच रहे थे. इसमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे. वे सभी घंटी बजाते और सामाजिक दूरी का ख्याल नहीं रखते थे. ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने का भय बना रहता था. इस कारण चंडिका स्थान धार्मिक न्यास समिति ने मंदिर को अगले आदेश तक बंद कर दिया.
मंदिर बंद होने के बाद बाहर से ही पूजा कर लौट रहे श्रद्धालु बाहर से पूजा कर लौट रहे श्रद्धालु
मंदिर के द्वार बंद होने के बाद अब श्रद्धालु द्वार पर से ही पूजा कर लौट रहे हैं. सचिव प्रभु दयाल सागर ने बताया कि सोशल डिस्टेंस और गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा था इसलिए ऐसा फैसला लिया गया.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट मंदिर के प्रति है लोगों की अपार आस्था
मालूम हो कि चंडिका स्थान भारत के 52 शक्तिपीठ में से प्रसिद्ध शक्तिपीठ है. यहां माता सती के दाई नेत्र की पूजा होती है. इस मंदिर के प्रति लोगों की काफी आस्था है. लगभग ढाई महीने मंदिर बंद रहने के कारण लोग मां के दर्शन से वंचित थे, ऐसे में जैसे ही मंदिर खुला सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े. जिसके बाद कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा नजर आने लगा.
पुजारी ने दी जानकारी
बहरहाल, दोबारा मंदिर बंद होने से पुजारी और श्रद्धालु दोनों परेशान हैं. वहीं धार्मिक न्यास समिति के सदस्य बैठक के बाद आगे की रणनीति और फिर से मंदिर के पट खोलने पर विचार करेंगे. न्यास समिति के सचिव प्रभु दयाल सागर ने कहा कि कोरोना का संक्रमण मंदिर के कारण बढ़ सकता था इसलिए मंदिर बंद करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि फिलहाल मंदिर के पट खुलने पर तुरंत कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा.