मुंगेर:आनंद मोहन की रिहाई के लिए एनसीपी के श्रमिक प्रकोष्ठ ने एक जुलूस मार्च निकाला. मार्च प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजय किसी के नेतृत्व में निकाली गई. मौके पर एनसीपी नेता संजय केसरी ने कहा कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक अगर आनंद मोहन की रिहाई सुनिश्चित नहीं की गई, तो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा.
'राजनीतिक कारणों से जेल में हैं आनंद मोहन'
जुलूस मार्च नगर निगम के पास से शुरू होकर शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से होते हुए किलान्तर्गत शहीद स्मारक के पास आमसभा में तब्दील हो गया. इस दौरान एनसीपी नेता संजय केसरी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व सांसद आनन्द मोहन को गोपालगंज के शहीद डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड में राजनीतिक कारणों से फंसाया गया था.
'भीड़ ने की थी डीएम की हत्या'
संजय केसरी ने बताया कि भीड़ ने डीएम की हत्या की थी और इसी दौरान अपने काफिले के साथ गुजर रहे आंनद मोहन कि सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एकमत होकर आनंद मोहन पर डीएमके हत्या का आरोप मढ़ दिया. उन्होंने बताया कि आनंद मोहन को केवल इसलिए फसाया गया क्योंकि उस समय राजनीति में आनंद मोहन तेजी से आगे बढ़ रहे थे.
'आनंद मोहन की रिहाई सुनिश्चित करवाएं नीतीश'
बेरोजगार सेना के प्रांतीय संयोजक मनोरंजन सिंह ने कहा कि अगर आनन्द मोहन की रिहाई नहीं हुई तो नीतीश कुमार के राजनीतिक ताबूत में अंतिम कील ठोक दी जाएगी. वहीं, छात्र एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सोमवंशी ने कहा कि आगामी 2 अक्टूबर को आनन्द मोहन की रिहाई सुनिश्चित करके नीतीश अपना भूल सुधार लें, नहीं तो चुनावी क्षति के लिए तैयार रहें.
नारों से गूंजता रहा किला परिसर
इस दौरान जुलूस मार्च में शामिल कार्यकर्ता सूरमा भोपाली तेरा घमण्ड टूटेगा, जब आनन्द मोहन जेल से छूटेगा, जेल का दरवाजा टूटेगा,शेर-ए-बिहार छूटेगा, नीतीश तेरे खेल में,आनन्द मोहन जेल में जैसे नारे लगा रहे थे. मौके पर एनसीपी महिला जिला अध्यक्ष शीला सिन्हा, प्रदेश महासचिव राजीव शर्मा, आजाद शर्मा सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे.