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मुंगेर: लॉक डाउन की वजह से बंगाल के मजदूरों के लिए पुलिस ने खाने और रहने का करवाया इंतजाम - 11 bengal workers trapped due to lock down in munger

लॉक डाउन के कारण जिले में काम कर रहे पंश्चिम बंगाल के 11 मजदूर मुसीबत में फंस गए. उन लोगों के लिए मुंगेर पुलिस ने खाने के लिए खाद्य सामग्री और रहने का इंतजाम किया.

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Published : Mar 26, 2020, 8:54 PM IST

मुंगेर:कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लगाए गए लॉक डाउन के कारण जिले में काम कर रहे बंगाल के मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इन लोगों ने अपनी व्यथा पुलिस को सुनाई. जिसके बाद मुंगेर पुलिस ने अपने स्तर से व्यवस्था कर इन मजदूरों को खाद्यान्न की आपूर्ति करवाई.

बता दें कि जिले के संग्रामपुर इलाके में पश्चिम बंगाल के ग्यारह मजदूर बिजली का काम कर रहे थे. बिजली पोल गाड़ने के काम में लगे पश्चिम बंगाल के मालदा इलाके के मजदूरों का राशन और खाद्यान्न समाप्त हो गया था. जिसके बाद इन लोगों ने अपनी समस्या पुलिस को बताई. फिर संग्रामपुर थानाध्यक्ष ने मुंगेर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह को पूरे मामले से अवगत कराया.

पुलिस ने की तत्काल व्यवस्था
पूरे मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक लीपी सिंह ने तत्काल संग्रामपुर थाना को आवश्यक खाद्य सामग्री मुहैया कराने का निर्देश दिया. पुलिस ने मजदूरों को आटा, चावल, आलू दाल जैसे जरूरी सामान मुहैया कराया ताकि उनको खाने की कोई समस्या नहीं हो. पुलिस के की ओर से खाने की तत्काल व्यवस्था कर दी गई.

पुलिस ने रहने का करवाया इंतजाम

काम करवाने वाले ठेकेदार को दिशा निर्देश
बताया जा रहा है कि मजदूरों के पास खाद्य सामग्री खरीदने को पैसे तक नहीं थे. 22 मार्च के बाद से ही मजदूरों को समस्या शुरू हो गई थी. बुधवार से उनके पास खाने को कुछ नहीं था. गुरुवार को पुलिस को जानकारी मिलने ने बाद मदद दी गई. साथ ही पुलिस ने काम करवा रहे ठेकेदार को सभी मदद मुहैया करवाने को कहा है. साथ ही संग्रामपुर थानाध्यक्ष सर्वजीत कुमार ने मजदूरों के सुपरवाइजर से बात कर उनको बकाया भुगतान कराने और आवश्यक राशि मुहैया कराने को कहा है ताकि वे लोग अपने लिए खाद्य सामग्री खरीद सकें.

जरूरी सामानों की आपूर्ती करने का आदेश
इस लॉक डाउन में पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने जिले के सभी थानों को आदेश दिया है कि खाने-पीने के सामानों की आपूर्ति किसी सूरत में रुकनी नहीं चाहिए. यदि कहीं से खाद्य सामग्रियों के किल्लत की जानकारी मिलती है. तो इस पर अपने स्तर से पहल करते हुए आवश्यक मदद मुहैया कराई जाए.

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