मुंगेर: जिले में पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के निर्देश पर की गई कार्रवाई के दौरान नकली अंग्रेजी शराब की फैक्ट्री का उद्भेदन किया गया. हरिनमार के डुमरिया टोला में अंग्रेजी शराब बनाए जाने की सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ने छापामारी दल का गठन किया. छापेमारी में भारी मात्रा में नकली शराब के साथ में हथियार भी बरामद किया गया है.
पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने बताया कि हरिनमार थाना क्षेत्र के डुमरिया टोला गांव में अंग्रेजी शराब बनाए जाने की सूचना मिली थी. इसके बाद जिला आसूचना इकाई को सूचना के सत्यापन और रेकी का निर्देश दिया गया था. सूचना के सत्यापन और पर्याप्त रेकी के बाद पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह द्वारा छापामारी दल का गठन किया गया. पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने बताया कि पूरे दियारा इलाके की घेराबंदी कराई गई थी. इसके बाद मनीष पटेल नाम के एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया. करीब 48 घरों की तलाशी ली गई. जिसके बाद बड़े पैमाने पर शराब बनाए जाने के खेल का उद्भेदन हुआ.
15 लोगों को किया गया गिरफ्तार
पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान 377 लीटर नकली शराब बरामद किया गया. इसके अलावा भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी भी हुई है. पुलिस ने एक कार्बाइन, एक देशी राइफल, लंबे बैरल की दो देसी पिस्तौल, एक कट्टा, 34 गोलियां बरामद की है. साथ ही एक लाख 69 हजार रूपए नगद भी बरामद किए हैं. इस मामले में हरिनमार थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सभी गिरफ्तार अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
घरों में छिपाकर हो रहा था काम
एसपी ने बताया कि नकली शराब बनाए जाने के गोरखधंधे का मुख्य मास्टरमाइंड मनीष पटेल है. मनीष पटेल अपने गांव के लोगों को प्रभाव में लेकर या लालच देकर कुछ घरों को सेफ जोन के तौर पर विकसित कर लिया था. हर घर के पीछे एक झोपड़ी बनाई गई थी और झोपड़ी में ही शराब बनाने का काम चलता था. कहीं बोतलों की सफाई होती थी तो कहीं बोतलों में शराब भरा जाता था. फिर दूसरी जगह पर स्टिकर लगाकर पैक किया जाता था. हाथ से ही सारा काम होता था. नकली सील भी पश्चिम बंगाल से मंगाया जाता था और नकली मुहर भी वहीं से धंधेबाजों को आपूर्ति की जाती थी.
एक लीटर स्प्रिट से बनती थी 375 एमएल शराब की 10 बोतलें
नकली शराब के धंधे बाज एक लीटर स्प्रिट से अंग्रेजी 375 एमएल अंग्रेजी शराब की 10 बोतलें तैयार कर लेते थे. 1 लीटर स्प्रिट में 3 लीटर पानी, दो ढक्कन कलर, एक ढक्कन फ्लेवर और एक ढक्कन परफ्यूम मिलाकर शराब तैयार कर लेते थे. फिर अंग्रेजी शराब को बोतलों में पैक किया जाता था. तब इसको दूसरी जगह पर भेजा जाता था. डिमांड के अनुसार अंग्रेजी शराब तैयार की जाती थी और उसके बाद इसे खपाया जाता था.
लॉकडाउन में हुआ घाटा तो बनाने लगा शराब
एसपी ने बताया कि मनीष पटेल ने गांव में ही एक फैक्ट्री लगा रखी है. पॉलिथीन और कैरी बैग की इसकी अपनी फैक्ट्री थी. लॉकडाउन के समय व्यापार में इसको घाटा हुआ था. फिर मनीष ने अंग्रेजी शराब बनाने का फैसला लिया. कुछ दिन पूर्व ही इसने सारा सेटअप लगाया था और चुनाव के समय डिमांड को देखते हुए इतने बड़े पैमाने पर अंग्रेजी शराब बनाए जाने की तैयारी कर ली थी. यही कारण है कि अभी खाली बोतलें और बाकी सारा सामान स्टॉक किया गया था. 18 अक्तूबर को इसके पास स्प्रिट का एक बड़ी खेप भी आने वाली थी. लेकिन इसी बीच पुलिस द्वारा कार्रवाई कर एक बहुत बड़े रैकेट का पर्दाफाश कर दिया गया.