मुंगेर:आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस(ICMR New Guidelines) के कारण बिहार के मुंगेर में गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज काफी परेशान हैं. दरअसल नई गाइडलाइन के अनुसार एसिंप्टोमेटिकमरीजों की कोरोना जांच बंज कर दी गई है. जिसे सर्दी, खांसी या बुखार के लक्षण हैं, उसी की कोरोना जांच हो रही है. ऐसे में अगर कोई मरीज डायलिसिस कराना चाहता है और उसे सर्दी, खांसी या बुखार नहीं है तो उसकी कोरोना जांच नहीं हो पा रही है. इससे मरीज के परिजन काफी परेशान है. वहीं किसी को इंटरव्यू के लिए जाना है और उन्हें कोरोना रिपोर्ट अनिवार्य है तो उसकी भी जांच नहीं हो पा रही है. इस नई गाइडलाइंस से लोग काफी परेशान हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग भी काफी कंफ्यूजन में है.
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मुंगेर के कोतवाली थाना क्षेत्र के नयागांव निवासी राजकुमारी देवी अपनी 23 वर्षीय बेटी प्रीति का डायलिसिस सदर अस्पताल परिसर में बने नेफ्रोप्लस डायलिसिस सेंटर (Nephroplus Dialysis Center) में पिछले कई महीने से करवा रही है लेकिन उसे अब आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस आने से काफी परेशानी हो रही है. राजकुमारी कहती हैं कि अब डायलिसिस सेंटर वाले कोरोना जांच रिपोर्ट लाने के लिए बोल रहे हैं, जबकि कोरोना जांच करने वाले कर्मी बताते हैं कि आपके मरीज को सर्दी, खासी या बुखार नहीं है. ऐसे में हम जांच नहीं करेंगे. वो कहती हैं कि जब जांच नहीं होगी तो हम अपनी बच्ची का डायलिसिस कैसे कराएंगे.
वहीं, डायलेसिस सेंटर के इंचार्ज अमित कुमार ने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मरीज की कोरोना जांच रिपोर्ट अनिवार्य है, क्योंकि संक्रमित मरीज अगर यहां डायलिसिस कराते हैं तो उससे दूसरे संक्रमित हो सकते हैं. हमारे कर्मचारियों के भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है. इसलिए निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है. उधर, जीएनएम अस्पताल पूरब सराय में बने कोरोना जांच सेंटर में मंगल बाजार के रहने वाले गोविंद कुमार ने बताया कि हमें निजी कंपनी में इंटरव्यू के लिए जाना है. वहां के मैनेजमेंट ने कोरोना रिपोर्ट मांगी है लेकिन यहां के कर्मी कह रहे हैं कि आपको सर्दी, खांसी या बुखार नहीं है तो हम आपकी जांच नहीं करेंगे. ऐसे में भला मैं इंटरव्यू देने कैसे जाऊंगा.