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मुंगेर में फाइलेरिया मरीजों की संख्या बढ़ी, क्यूलेक्स मच्छर का प्रकोप बनी बड़ी वजह - Munger Health News

बिहार के मुंगेर में फाइलेरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिले के लोगों को फाइलेरिया से बचने के लिए सावधान होने की आवश्यकता है. जिले में फाइलेरिया के कुल मरीजों की संख्या 5252 हो चुकी है. पढ़ें Munger Health News-

मुंगेर में फाइलेरिया मरीजों की संख्या 5252
मुंगेर में फाइलेरिया मरीजों की संख्या 5252

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Published : Dec 11, 2022, 10:57 PM IST

मुंगेर: बिहार के मुंगेर में फाइलेरिया (filariasis in munger) मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिले के लोगों को इससे सावधान रहने की जरूरत है. फाइलेरिया मरीजों की संख्या अब तक 5252 हो चुकी है. जांच के दौरान पता जला है कि फाइलेरिया बीमारी को बढ़ावा देने वाले मच्छर क्यूलेक्स का प्रकोप (Culex mosquito outbreak) तेजी से बढ़ रहा है. जिसमे ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक मरीज शहरी क्षेत्रों से आ रहे हैं. इसका मुख्य कारण शहर के नालों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं होना, जिसमें नालों की नियमित रूप से साफ सफाई नहीं होना हैं.

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गंदे नालों से बढ़े क्यूलेक्स मच्छरों का प्रकोप: वहीं दूसरी ओर आमजनों द्वारा खुले में कचरा फेंका जाता है, जिसकी नियमित रूप से साफ सफाई के साथ ही कचरे का उठाव नहीं होना, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं होना मुख्य कारण है. ऐसी स्थिति में क्यूलेक्स मच्छरों का प्रकोप बढ़ना स्वाभाविक हो जाता है. इस बीमारी से बचाव के लिए कई जिलों में जहां तीन तरह की दवाई दी जा रही है, वहीं मुंगेर जिले में लोगों को सिर्फ दो तरह की दवाई एल्बेंडाजोल और डीइसी ही उपलध कराई जा रही है. जबकि मुंगेर में इवरमेट्रिन दवाई नहीं दी जा रही है. वहीं फाइलेरिया विभाग में पदस्थापित चिकित्सक डॉक्टर संतोष लंबे समय से छुट्टी पर हैं.

ब्लड नाईट सेंपल के आंकड़े चिंताजनक: बता दें कि फाइलेरिया बीमारी को लेकर जिले के सभी प्रखंडों में ब्लड नाईट सर्वे किया गया. जिले के सभी 9 प्रखंडों से 600-600 लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया था. जिसमें वैसे जगह जहां फाइलेरिया बीमारी के मरीज पहले से ही मौजूद हैं, वहां एक ही जगह 300 लोगों तथा जहां फाइलेरिया बीमारी के एक भी मरीज नहीं हैं वहां रेंडमली 300 लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया. वहीं मुंगेर शहरी क्षेत्र सहित ज़िलेभर के सभी 9 प्रखंडों में बनाए गए रैंडम और सेंटिनल साइट पर पिछले 18 अक्टूबर से 18 नवंबर तक चले नाईट ब्लड सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जिलेभर में कुल 2.56 फीसदी नए लोगों में माइक्रो फाइलेरिया पाया गया. इनमें धरहरा प्रखंड में सबसे कम 0.6 फीसदी लोगों में माइक्रो फाइलेरिया पाया गया. वहीं जिले के 9 प्रखंडों से कुल 6032 लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया जिसमें 155 लोगों में माइक्रो फाइलेरिया बीमारी पायी गयी.


इधर मामले को लेकर जिला बीडीसी नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि खुले में कचरा ना फेंके, निरंतर घर के आसपास साफ-सफाई करते रहें. नाली में टीमोफोक्स दवाई का छिड़काव कराया जा रहा है. लोगों को चाहिए कि वे नाले में गंदे पानी को जमा नहीं होने दें. नाले में केरोसिन तेल का छिड़काव करें, ताकि मच्छर पैदा ही ना हो सकें. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया के जो भी मरीज मिले हैं, सभी को दवाई जी रही है. उन्होंने कहा कि नगर निगम को शहर की साफ-सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है.

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