बिहार

bihar

ETV Bharat / state

मुंगेर: कछुआ चाल से हो रहा पुल निर्माण, 50 मीटर पुल बनाने में लगा 14 वर्ष

60 मीटर लंबी और 15 मीटर चौड़ी घोरघट बेली ब्रिज पुल को बनाने में 14 वर्ष गुजर गए. लेकिन यह पुल नहीं बन पाया. लागत राशी भी बढ़कर दोगुनी हो गई. लेकिन इसका निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है. पुल के क्षतिग्रस्त रहने से बड़े वाहनों के परिचालन में काफी परेशानी हो रही है.

munger
कछुआ चाल से पुल निर्माण

By

Published : Jan 15, 2021, 10:12 AM IST

मुंगेर: मुंगेर और भागलपुर सीमा पर स्थित घोरघाट के पास एनएच 80 पर बना बेली ब्रिज पिछले 15 वर्षों से क्षतिग्रस्त है. 60 मीटर लंबी और 15 मीटर चौड़ी बेली ब्रिज क्षतिग्रस्त रहने के कारण बड़े वाहनों का परिचालन पिछले 10 वर्षों से बंद है. सरकार इसके प्रति उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं. वर्तमान समय में कछुआ गति से इसका निर्माण चल रहा है.

अतिरिक्त दूरी तय करने के स्थानीय मजबूर
वाहनों का परिचालन बंद होने से भागलपुर से मुंगेर आने के लिए 70 से 80 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी होती है. वहीं, मुंगेर से अगर भागलपुर जाना है तो 70 से 80 किलोमीटर की दूरी अधिक लगती है. लोगों की मजबूरी है कि लोगों को अधिक समय लगा कर जाना पड़ता है. स्थानीय प्रशासन एवं सरकार की उदासीनता के कारण यह कुल 14 वर्षों से निर्माणाधीन ही है.

लागत राशि हो गई दोगुनी लेकिन नहीं बन पाया पुल
घोरघट पुल का निर्माण राशि से 7.61 करोड़ की लागत से 5 साल पूर्व बन जाना था. निर्माण की राशि बढ़कर लगभग 16 करोड़ हो गई है. लागत राशि दोगुनी से भी अधिक हो जाने के बाद भी पुल का निर्माण नहीं होना, यह सरकार की उदासीनता को दर्शाता है.

कछुआ गति से हो रहा पुल का निर्माण
भागलपुर-मुंगेर सीमा पर घोरघट पुल का निर्माण समय पर पूरा नहीं हो पाया है. लिहाजा निर्माण एजेंसी सीएण्डसी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सिक्योरिटी मनी (40 लाख रुपये) जब्त कर ली गई है. साथ ही, इस पुल को एनएच विभाग से पुल निर्माण निगम को स्थानांतरित कर दिया गया है. पुल निर्माण का ठेका ब्रिज कंस्ट्रक्शन को मिला है. ब्रिज कंस्ट्रक्शन के कर्मचारी ने साइट पर बताया कि मार्च 2021 में हमें यह कार्य पूरा करना है.

भू-अर्जन बन रही है समस्या
अब समस्या सामने यह है कि पुल निर्माण के लिए सरकार ने जो भू-स्वामियों को मुआवजा दिया है. वह भू-स्वामियों ने लेने से मना कर दिया है. जमीन मालिकों का मानना है कि सरकार जमीन की काफी कम कीमत दे रही है. इसके विरोध में लोग न्यायालय की शरण में चले गए. जिसके कारण काफी समय बीत गया. वर्तमान समय में भू-स्वामी सुरेश चौधरी ने बताया कि सरकार अभी भी हमें उचित मुआवजा नहीं दे रही है. हाई कोर्ट में मुकदमा लंबित है. हमलोग काम को आगे नहीं बढ़ने देंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details