मुंगेर: बिहार में हो रही बारिश से (Rain in Bihar) जनजीवन अस्त व्यस्त है. उत्तर प्रदेश सहित बिहार के विभिन्न इलाकों में हो रही बारिश से मुंगेर में गंगा नदी खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर (Ganga river above danger mark) बह रही है. दो दर्जन से अधिक पंचायत बुरी तरह प्रभावित है. बाढ़से हजारों घर और हजारों एकड़ दियारा की भूमि जलमग्न हो गयी है. सैकड़ों लोग बाढ़ में फंसे हैं. एनडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में जुटी है. राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है.
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बता दें कि मुंगेर में गंगा के खतरे का निशान 39.33 मीटर है. लेकिन गंगा अब खतरे के निशान को पार कर 39.60 मीटर पर पहुंच गई है. घर में पानी घुसने से लोग सुरक्षित स्थान पर तेजी से पलायन कर रहे हैं. पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए जिला राहत बचाव दल के अलावा एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम युद्ध स्तर पर लगी है. बरियारपुर प्रखंड के सभी पंचायत, सदर प्रखंड की 6 पंचायत और जमालपुर प्रखंड की 3 पंचायत बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. इन पंचायतों में लगभग 1000 से अधिक मकानों में बाढ़ का पानी घुस गया है. यहां से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है.
सदर प्रखंड के टीका रामपुर पंचायत के किसान जय मंगल सिंह ने बताया कि सीता कुंडडीह से लेकर खगड़िया जिले की सीमा गोगरी तक का पानी दियारा में आ रहा है. मक्के की खेती के अलावा दलहन, तिलहन एवं हरी सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर होती हैं. लेकिन बाढ़ ने फसलों को बर्बाद कर दिया. अब हमारे घरों में पानी आ गया है. जिंदगी बचाने के लिए हम अनाज, कपड़ा और जानवर लेकर पलायन को मजबूर हैं.
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इस संबंध में डीएम नवीन कुमार ने बताया कि गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार हो गया है. जिले में 15 स्थानों पर बाढ़ राहत केंद्र चालू किया गया है. बाढ़ राहत केंद्र में दो समय का भोजन, रात में बिजली की व्यवस्था के अलावा पशुचारे की व्यवस्था की गई है. राहत केंद्रों पर सीडीपीओ, आंगनबाड़ी सेविका और शिक्षकों को लगाया गया है.
एनडीआरएफ की 10 सदस्य टीम सदर प्रखंड के टीका रामपुर पंचायत के भेलवा दियारा जाकर लोगों को राहत और बचाव के लिए सीताकुंड डीह पहुंची. जहां एनडीआरएफ के एसआई भरत वर्मा के नेतृत्व में टीम सदर अंचल के गाइड जितेंद्र के साथ गंगा में उतरी. भेलवा दियारा के जय मंगल पासवान टोला, बिंद टोला, गुहाटी आदि इलाके में जाकर लोगों को रेस्क्यू किया. रेस्क्यू के बाद सभी को नाव सीता कुंडडीह लाया गया. जहां अंचलाधिकारी द्वारा प्रतिनियुक्त अधिकारियों ने सभी ग्रामीणों को बाढ़ राहत केंद्र पहुंचाये और उनका रजिस्ट्रेशन कराकर शिफ्ट करवाया.
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