मुंगेर:एनसीपी श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजय केशरी ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत अपने समर्थकों के साथ बबुआ घाट में जल-सत्याग्रह किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्वाग्रह की भावना से ग्रसित होकर सांसद ललन सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुंगेर में मेडिकल कॉलेज में बाधक बने हुए हैं, लेकिन हम इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज उसी तरह से हासिल करेंगे जैसे उनके नहीं चाहने के बावजूद विश्वविद्यालय हासिल कर लिया था.
ये भी पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट ने 'ओवरएज' छात्रों को यूपीएससी में अतिरिक्त मौका देने से किया इंकार
मुंगेर में जमीन की कमी नहीं है
संजय केशरी ने कहा कि संसदीय और प्रमंडलीय मुख्यालय में मेडिकल कॉलेज के लिए पिछले दस सालों से जमीन का बहाना बनाकर लाखों की आबादी को सदर अस्पताल से पटना-दिल्ली रेफर किया जा रहा है. लेकिन उनके परिजनों की आवाज मेडिकल कॉलेज विरोधी सांसद ललन सिंह को व्यथित नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के लिए मुंगेर में जमीन की कमी नहीं है. जिसका प्रमाण है कि डीएम की ओर से दो बार अलग-अलग जमीन प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है और इसके अलावे जमालपुर रेलवे अस्पताल को भी टेकओवर करके वहां मेडिकल कॉलेज बनाया जा सकता है, लेकिन सांसद ललन सिंह मेडिकल कॉलेज पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं.
प्रमंडलीय मुख्यालय वाला जिला है मुंगेर
अंतर्जातीय अंतर्धर्मीय कमिटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश कुमार गुप्ता और महिला एनसीपी नेत्री सोनी सिन्हा ने कहा कि मेडिकल कॉलेज तो स्थापित होकर रहेगा. लेकिन इसमें बाधक ललन सिंह इस बार सांसद नहीं बन पायेंगे. नेताओं ने बताया कि मुंगेर प्रमंडलीय मुख्यालय वाला जिला है. इस प्रमंडल के अंदर आने वाले जिला बेगूसराय में मेडिकल कॉलेज हो गया. इस बजट में जमुई में भी मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए निर्णय लिया गया. जबकि मुख्यालय को छोड़ दिया और यह मुंगेर के लिए नाइंसाफी है. जल-सत्याग्रह की समाप्ति पर सत्याग्रहियों ने संकल्प लिया कि मुंगेर संसदीय क्षेत्र के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर मेडिकल कॉलेज विरोधी सांसद और मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया जाएगा.