मुंगेर: 'बच्चों का ध्यान अब कौन रखेगा, मेरा परिवार कैसे चलेगा. मुझे अकेला छोड़कर कहां चले गए, अब मैं कहा जाऊं क्या करूं...' ये शब्द शहीद विशाल की पत्नी बबीता के है. बार-बार रोते हुए पति की तस्वीर को निहारती तो चुप हो जाती. गम के माहौल में पत्नी का करुण विलाप देखकर हर किसी का कलेजा फट गया. लोग समझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन शहीद की पत्नी के आंसू नहीं रुक रहे हैं. बड़ी बेटी 7 वर्षीय पीहू कहती है कि 'पापा ड्यूटी पर गए हैं. सुबह फोन आया था, स्कूल जाने के लिए बोल रहे थे. आज भी फोन आएगा.'
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दरअसल, कश्मीर में हुए आतंकियों के हमले (Kashmir Terrorist Attack) में बिहार के मुंगेर का एक जवान शहीद (Munger Son Martyred In Terrorist Attack In Srinagar) हो गया है. शहीद की पहचान मुंगेर निवासी सीआरपीएफ के कांस्टेबल विशाल कुमार के तौर पर हुई है. शहीद जवान विशाल कुमार का पार्थिव शरीर आज, मंगलवार की शाम तक मुंगेर लाये जाने की संभावना है.
श्रीनगर के मेसूमा में ड्यूटी पर तैनात थे: जानकारी के अनुसार, विशाल अन्य जवानों के साथ श्रीनगर के मेसूमा इलाके में ड्यूटी पर तैनात थे. इसी दौरान सीआरपीएफ के जवानों को निशाना बनाते हुए आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी. इसमें सीआरपीएफ के दो जवानों को गोली लगी. इसके बाद सुरक्षाबलों ने घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों ने विशाल कुमार को मृत घोषित कर दिया. शहीद जवान विशाल बिहार के मुंगेर जिला अंतर्गत शामपुर थाना क्षेत्र के लोहची के निवासी हैं. विशाल के शहीद होने की सूचना सीआरपीएफ के कमांडेंट ने परिवानों को फोन कर दी.
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सीआरपीएफ के कांस्टेबल विशाल कुमार के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद गांव में मातम पसर गया है. एसपी जेजे रेड्डी ने कहा की जानकारी मिली है. मंगलवार की रात 10:00 बजे तक शहीद का पार्थिव शरीर मुंगेर पहुंचेगा. वहीं, परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है. विशाल के पिता सरयुग मंडल रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं. वे चार भाई में सबसे छोटे थे. 2003 में उनकी नियुक्ति CRPF में हुई थी और 2009 बबीता कुमारी से हुई थी. उनकी 2 छोटी -छोटी बेटियां हैं. बड़ी बेटी 7 वर्ष की छोटी बेटी 4 वर्ष की है.
चार भाइयों में सबसे छोटे थे विशाल: शहीद जवान विशाल अपने चार भाइयों में सबसे छोटे थे. उनके भाई घनश्याम मंडल ने बताया कि विशाल 2003 में भर्ती हुए थे. पिछले महीने ही होली में छुट्टी पक घर आये थे. 25 मार्च को वापस ड्यूटी पर लोटे. आज उनके शहीद होने की मनहूस खबर आई. भाई की शहादत का काफी दुख है लेकिन साथ ही फक्र भी है. मेरा भाई देश के लिए शहीद हो गया. हम चार भाइयों में सबसे बड़े भाई उमा शंकर मंडल का निधन हो चुका है.
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वहीं घटना की सूचना के बाद सीएम नीतीश कुमार ने दुख जताया है. मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें जब जानकारी मिली है तो उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं. शहीद का शव आज आने वाला है और बिहार सरकार पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता करेगी. उचित सम्मान के साथ शहीद का अंतिंम संस्कार किया जाएगा.
आपको बता दें कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के लिजोरा इलाके में सोमवार को आतंकवादियों ने दो गैर-स्थानीय लोगों को गोली मारकर घायल कर दिया. इनकी पहचान बिहार निवासी पातालेश्वर कुमार और जोको चौधरी के रूप में हुई है. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भर्ती कराया गया. दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के नौपोरा लिटर इलाके में रविवार शाम को भी आतंकवादियों ने पठानकोट के दो गैर-स्थानीय मजदूरों पर गोलीबारी की और उन्हें घायल कर दिया।
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