मुंगेर:कहते हैं कि जब इरादे मजबूत और हौसले बुलंद हो, तो उसके सामने उम्र की सीमा मायने नहीं रखती. इस कथन को चरितार्थ किया है, बिहार के मुंगेर की रहने वाली प्रांजलि राज ने. प्रांजलि राज ने छोटी सी उम्र में वो सफलता हासिल की है, जो बड़े-बड़ों के नसीब में नहीं होता.
मुंगेर की प्रांजलि राज ने रचा इतिहास: 13 वर्षीय प्रांजलि राज कक्षा 8वीं की छात्रा हैं. इनका चयन सुपर 100 वीरगाथा विजेता के रूप में हुआ है. जिसके लिए प्रांजलि राज को दिल्ली में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस परेड समारोह में अतिथि के रूप में बुलाया गया है. जहां उन्हें देश की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के हाथों सम्मानित किया जाएगा.
वीरगाथा प्रोजेक्ट 3.0 प्रतियोगिता में प्रांजलि का चयन: शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता वीरगाथा प्रोजेक्ट 3.0 का आयोजन किया गया था. जिसमें देश भर के 1 करोड़ 37 लाख स्कूली छात्र-छात्राओं ने अपने स्कूल प्रबंधन के माध्यम से ऑनलाइन नामांकन कर पेंटिंग, फोटोग्राफी, निबंध, कविता और मल्टिमीडिया वीडियो की विधा में सहभागिता दी थी.
प्रांजलि राज ने किया पूरे बिहार का नाम रोशन: जिसमें प्रांजलि राज ने मल्टीमीडिया प्रजेंटेशन वीडियो के क्षेत्र में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय आदिवासी समुदाय विद्रोह विषय पर अपनी रचनात्मक एवं कलात्मक प्रतिभा का परिचय दिया. इस विषय पर पूरे देश में सिर्फ 3 प्रतिभागियों को निर्णायकों द्वारा विजेता घोषित किया गया है. उनकी इस सफलता से मुंगेर जिला के साथ बिहार का नाम देश में रौशन हुआ है.
माता-पिता को भी मिल चुका है सम्मान:प्रांजलि के पिता प्रशांत कुमार मध्य विद्यालय हलिमपुर जमालपुर में कला स्नातक शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं. इनके पिता भी आदर्श शिक्षक गौरव सम्मान 2020 से पुरस्कृत हो चुके हैं, वहीं मां अंजलि भी खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जिला यूथ अवॉर्ड 2010 और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा, मुंगेर की प्रथम जिला महिला सम्मान 2014 से पुरस्कृत समाजसेवी रही हैं.