मुंगेर: बिहार में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) आते ही अवैध हथियारों की मांग बढ़ गई है. बढ़ी हुई इस मांग को हथियारों की काली मंडी के रूप में कुख्यात मुंगेर (Munger) के हथियार तस्कर पूरा कर रहे हैं. इस जिले में अवैध हथियार निर्माण कुटीर उद्योग की तरह फैला है. लोग आरी, छेनी, हथौड़ी जैसे औजारों से घर पर ही हथियार बना लेते हैं.
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मुंगेर पुलिस (Munger Police) ने शनिवार को दो ऐसे ही मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया. फैक्ट्री को अवैध हथियार बनाने वाले अपने घर में चला रहे थे. एक खरीददार और तस्कर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को यह कामयाबी मिली. पुलिस ने मुंगेर के तस्कर और कैमूर से आए खरीददार को 4 पिस्टल, 8 मैगजीन और 1.8 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था.
कैमूर जिला के रामगढ़ थाना क्षेत्र में रहने वाला गुंजन उपाध्याय पिस्टल खरीदने के लिए मुंगेर आया था. मुंगेर के मुफसिल थाना क्षेत्र के हथियार तस्कर मोहम्मद खुर्शीद आलम से वह मिला. इसी दौरान पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. हथियार तस्कर की निशानदेही पर पुलिस ने मुफसिल थाना क्षेत्र के बाकरपुर में छापा मारा और दो मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया. पुलिस ने हथियार निर्माता मोहम्मद रजी अहमद और मोहम्मद चांद को एक देसी कट्टा, 3 कारतूस और हथियार बनाने के ढेरों उपकरण के साथ गिरफ्तार किया.
"आगामी पंचायत चुनाव को देखते हुए मुंगेर पुलिस विशेष चौकसी बरत रही है ताकि चुनाव के दौरान हथियारों की तस्करी पर अंकुश लगाया जा सके. हथियार निर्माण के लिए चर्चित मुफसिल थाना क्षेत्र के हसनगंज में एक अतिरिक्त पुलिस पिकेट स्थापित किया जा रहा है. इससे हथियार तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में मदद मिलेगी."- जग्गुनाथ रेड्डी जला रेड्डी, एसपी, मुंगेर
बता दें कि मुंगेर हथियारों की मंडी के रूप में कुख्यात है. मुंगेर में बने हथियारों के जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकियों द्वारा भी इस्तेमाल किये जाने का खुलासा हुआ था. मुंगेर में हथियार निर्माण मीर कासिम के समय शुरू हुआ था. मीर कासिम ने मुंगेर को कुछ दिनों के लिए अपनी राजधानी बनाया था. मीर कासिम ने सेनापति गुरगीन खां के साथ 18 कारीगर मुंगेर भेजे थे. इन कारीगरों ने हजारों लोगों को हथियार बनाना सिखाया. इसके बाद धीरे-धीरे घर-घर में हथियार बनाये जाने लगे. अंग्रेजों की हुकूमत के दौरान भी क्रांतिकारियों को मुंगेर से हथियार मिलता था.
यहां के कारीगर इतने दक्ष हैं कि आधुनिक से आधुनिक हथियार कम कीमत में बना देते हैं. यहां कम कीमत में हथियार आसानी से उपलब्ध हो जाता है. इसलिए पूरे देश के तस्कर की निगाह मुंगेर के अवैध हथियारों की मंडी पर है. यहां देसी कट्टे से लेकर AK-47 जैसे आधुनिक हथियार उपलब्ध हो जाते हैं. ये हथियार छोटे अपराधी से लेकर आतंकवादियों तक सप्लाई किए जाते हैं.
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