मुंगेर:केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कहा कि बिहार के मुंगेर क्षेत्र में माओवादी गतिविधियां ज्यादातर खत्म हो गई हैं. सीआरपीएफके डीआईजी मुंगेर (CRPG DIG Munger), संजय कुमार ने कहा कि मुंगेर क्षेत्र में कई महीनों से माओवादी गतिविधियां नहीं देखी गई हैं. इस जिले में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां माओवादी समूह सक्रिय थे और जबरन वसूली में शामिल थे. अब, कुछ महीनों से कोई माओवादी घटनाएं नहीं (Bihar Is Naxal Free) हुई हैं.
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''हम मुंगेर के जंगलों में, लखीसराय, शेखपुरा जिलों से सटे इलाकों में अभियान तेज कर रहे हैं और सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए कह रहे हैं. अगर वह हथियार नहीं छोड़ते हैं तो क्षेत्र में हमारा ऑपरेशन जारी रहेगा. उनके पास केवल दो विकल्प हैं, या तो सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दें या मुठभेड़ में मारे जाएंगे.''- संजय कुमार, सीआरपीएफ डीआईजी मुंगेर
हाल के दिनों में, बिहार पुलिस ने सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के साथ मिलकर औरंगाबाद और रोहतास जिलों में माओवादी समूहों के शीर्ष कमांडरों के खिलाफ अभियान चलाया. जिसके बाद माओवादी समूहों के शीर्ष कमांडरों ने आत्मसमर्पण कर दिया था. अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने माओवादी समूहों की रीढ़ तोड़ दी है. इसलिए वे सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर रहे हैं.
2005 में तत्कालीन एसपी की हत्या:कभी नक्सलियों का मुख्यालय लालगढ़ के नाम से मशहूर मुंगेर जिला का भीमबांध हुआ करता था. साल 2005 में मुंगेर जिला के तत्कालीन एसपी की हत्या होने के बाद 2012 में सीआरपीएफ कैंप की स्थापना भीमबांध में की गयी. इसके बाद नक्सल पुरी तरह से बैकफुट पर आ गए. इतना ही नहीं नक्सली अन्य राज्यों में भी बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद मुंगेर के पैसरा और जमुई के चोरमारा को सेफ जोन के तौर पर इस्तेमाल करते थे.
बिहार नक्सल मुक्त:इससे पहले, सेंट्रल रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने पिछले दिनों बताया था कि बिहार से नक्सलियों का सफाया (Naxalites eliminated from Bihar) हो चुका है. बिहार और झारखंड में ऐसी कोई जगह नहीं बची है, जहां फोर्स नहीं पहुंच सकती. सीआरपीएफ के डीजी ने ये जानकारी दी थी. सीआरपीएफ डीजी कुलदीप सिंह (CRPF DG Kuldeep Singh) ने बताया कि नक्सल अभियान में सुरक्षा बलों ने इस साल भारी सफलता अर्जित की है.
''हम कह सकते हैं कि अब बिहार नक्सल मुक्त राज्य है. हालांकि रंगदारी गिरोह के रूप में इनकी मौजूदगी हो सकती है लेकिन बिहार में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां नक्सलियों का दबदबा हो. बिहार और झारखंड में ऐसी कोई जगह नहीं, जहां फोर्स नहीं पहुंच सकती है.'' - कुलदीप सिंह, सीआरपीएफ डीजी