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Sur Sangram में मुंगेर की बेटी ने रचा इतिहास, क्वालीफाई करने वाली पहली भोजपुरी गायिका बनी - क्वालीफाई करने वाली पहली भोजपुरी गायिका बनी

टीवी रिएलिटी शो सुर संग्राम में मुंगेर की लक्ष्मी संध्या ने क्वालीफाई कर (First Bhojpuri singer to qualify in Sur Sangram) एक बार फिर से बिहार का मान बढ़ाया है. वे ऐसा करने वाली पहली भोजपुरी गायिका बनी है. उनकी इस उपलब्धी के बाद से परिजनों में खुशी का माहौल है. वहीं, लक्ष्मी संध्या के इस परफॉर्मेंस पर मुंगेरवासी अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 14, 2023, 3:09 PM IST

मुंगेर:बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. बात चाहे खेल जगत की हो या सिनेमा जगत की, हर क्षेत्र में बिहारियों का बोल बाला है. इसी क्रम में बिहार के मुंगेर जिले की बेटी ने एक बार फिर से अपने जिला और प्रदेश का मान बढ़ाया है. मुंगेर की रहने वाली लक्ष्मी संध्या ने टीवी रिएलिटी शो सुर संग्राम में क्वालीफाई कर एक नया इतिहास रच दिया है. वह ऐसा करने वाली पहली भोजपुरी गायिका बन गई है.

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बचपन से ही सिंगिंग का शौक: दरअसल, जिले के गंंगटा थाना क्षेत्र के धन्नाडीह गांव निवासी संंगीत शिक्षक बालमुकुंद मुरारी की 17 वर्षीय बेटी लक्ष्मी संध्या को बचपन से ही सिंगिंग का शौक था. वह अपने पिता की तरह बनना चाहती थी. ऐसे में उनके पिता भी लक्ष्मी को सिखाने के लिए हमेशा तैयार रहते थे. लक्ष्मी 6 वर्ष की आयु से ही अपने पिता संग गांव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छोटे-मोटे भक्ति गीत गाने वाली कार्यक्रम में भाग लेती थी.

मुंबई के लिए हुई चयनित:बता दें कि पटना, गया और भागलपुर में ऑडिशन देने के बाद 16 सितंबर को मुंबई के लिए चयनित हुई लक्ष्मी संध्या की स्थिति टॉप 5 में है. मशहूर भोजपुरी गायक मनोज तिवारी, दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ, कल्पना पटवारी के समक्ष लक्ष्मी संध्या के द्वारा गाए गए गीत’ सासु मोरे रामा…ननदिया मोरी रे सू सू करत...जानी जा तू छोड़ के बलमुआ सहित अन्य गीतों पर सभी झूम उठे.

बहन में छिपी प्रतिभा को पहचाने: वहीं, पत्रकारों के द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए लक्ष्मी संध्या ने कल्पना पटवारी को अपना आइडल बताया है. वहीं लक्ष्मी संध्या के पैतृक गांव स्थित घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.अब लक्ष्मी संध्या को सेमीफाइनल और फाइनल में क्वालीफाई करने के लिए सुर संग्राम के आमंत्रण का इंतजार है. वहीं, लक्ष्मी की प्रशंसा करते हुए भाई मुकुल राजन का कहना है कि लक्ष्मी के गले में साक्षात मां सरस्वती का वास है. वह सिंगिंग के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ सकती है. उन्होंने अन्य भाइयों से अपने बहनों में छिपी प्रतिभा को पहचाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हर भाई को बहन में छिपी प्रतिभा को पहचानना चाहिए और उसे हर संभव सहयोग करना चाहिए.

बेटियां बोझ नहीं होती: वहीं लक्ष्मी संध्या के पिता संगीत शिक्षक बालमुकुंद मुरारी और मां अंजना भारती कहती है कि बहुत खुशी की बात है कि उनकी बेटी ने सुर संग्राम में क्वालीफाई कर मुंगेर को गौरवान्वित किया है. बेटियां बोझ नहीं होती है. बेटियों की प्रतिभा को पहचाने और उसे हर संभव सहयोग करें.

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