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अनुराग पोद्दार के लिए बुलाया गया मुंगेर बंद रहा सफल, लिपि सिंह पर कार्रवाई की मांग तेज

बिहार के मुंगेर में 28 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के एक दिन पहले दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा की घटना हुई थी. हुई रोड़ेबाजी और फायरिंग में 18 वर्षीय अनुराग कुमार को सिर में गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी. इस मामले के विरोध में मुंगेर बंद का आह्वान किया गया.

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Published : Dec 14, 2020, 10:28 PM IST

मुंगेर:जिले में प्रतिमा विसर्जन के दौरान चली लाठियां और फायरिंग की वारदात के खिलाफ और अनुराग की मौत के आक्रोश में संगठनों ने मुंगेर बंद बुलाया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और अखिल भारतीय अंतर्जातीय अंतधर्मीय कमेटी का एकदिवसीय बंद सफल रहा. जिले के सभी छोटे-बढ़े दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद कर इस बंद का समर्थन किया.

बंदी की सफलता से उत्साहित एनसीपी श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजय केसरी और अंतर्जातीय अंतधर्मीय कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश कुमार गुप्ता ने शांति मार्च निकाल लोगों को धन्यवाद दिया. वहीं, दूसरी ओर अनिश्चितकालीन धरना आज 21वें दिन भी नरेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में जारी रहा.

'जलियावाला बाग हत्याकांड से भी ज्यादा विभत्स'
इधर शांति मार्च को संबोधित करते हुए एनसीपी श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजय केसरी ने कहा कि आज की बंदी मुंगेर के बेटा अनुराग बनाम एसपी लिपि सिंह के मुद्दे पर थी. इसमें बंद का ऐतिहासिक समर्थन करके मुंगेर के लोगों ने साबित कर दिया कि अनुराग हत्याकांड एवं प्रतिमा विसर्जन लाठी गोली कांड जलियावाला बाग कांड से भी विभत्स कांड था.

अनुराग पोद्दार को मिले इंसाफ
वही अंतर्जातीय अंतरधर्मीय कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश कुमार गुप्ता ने शांति मार्च सह धन्यवाद यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि इस बंदी के दूरगामी परिणाम होंगे और अब ना सिर्फ अनुराग पोद्दार को इंसाफ मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है बल्कि अब कोई और अनुराग बेमौत नहीं मारा जाए. इसके लिए भी आवाज बुलंद हो गई है.

नरेश गुप्ता ने मांग करते हुए कहा कि एसपी लिपि सिंह पर कार्रवाई की जाए. वहीं, अनुराग के परिजनों को 50 लाख रुपए सहित उसकी एक बहन को सरकारी नौकरी दी जाए, नहीं तो ये धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

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