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बिहार पंचायत चुनाव: मुंगेर में परिवर्तन की बयार, 98 में 78 नए चेहरों पर लोगों ने जताया भरोसा

बिहार पंचायत चुनाव के तहत मुंगेर जिले में 9 चरणों में पंचायत चुनाव संपन्न हो गया है. इस बार लोगों ने नए चेहरे पर भरोसा जताया है. जमालपुर प्रखंड अंतर्गत 10 पंचायतों का चुनाव परिणाम चौंकाने वाला रहा. 10 पंचायतों में एक भी पुराने मुखिया अपनी कुर्सी बचाने में सफल नहीं रहे.

मुंगेर में परिवर्तन की बही बयार
मुंगेर में परिवर्तन की बही बयार

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Published : Dec 2, 2021, 10:27 PM IST

मुंगेर:बिहार पंचायत चुनाव(Bihar Panchayat Election) में मुंगेर में वोटरों ने नए चेहरों पर भरोसा जताया है. मुंगेर में 9 चरणों में पंचायत चुनाव संपन्न (Panchayat Elections Concluded in Nine Phases in Munger) हो चुका है. इस पंचायत चुनाव में वोटरों ने अधिकांश नए चेहरों पर भरोसा जताया है. केवल मुखिया पद बात करें तो जिले के 9 प्रखंडों के 98 पंचायत में 20 वर्तमान मुखिया चुनाव हार गए है. 78 पंचायत में नए चेहरे पर वोटरों ने भरोसा जताया है. जमालपुर प्रखंड के सभी 10 पंचायत में तो वर्तमान मुखिया बुरी तरह चुनाव हार गए.

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मुंगेर जिले में प्रथम चरण चुनाव में तारापुर प्रखंड के 10 पंचायत में मतदान हुआ इसमें 10 पंचायत में 9 नए मुखिया ने कब्जा जमाया तो 1 ने लाज बचाई. असरगंज प्रखंड के 7 पंचायतों में छह में नए तथा एक में पुराने मुखिया जीते. टेटिया बंबर प्रखंड में भी 7 पंचायतों में छह नए तथा एक में पुराने ने इज्जत बचाई. संग्रामपुर प्रखंड की कुल 10 पंचायतों में से 6 पंचायतों में जनता ने पुराने मुखिया को अलविदा कह नए मुखिया को मौका दिया.

हवेली खड़गपुर प्रखंड के18 पंचायतों के 18 मुखिया में महज छह निर्वतमान मुखिया कुर्सी बचाने में सफल रहे. धरहरा प्रखंड के 13 पंचायतों में दो को छोड़कर 11 पुराने मुखिया मैदान से बाहर हो गए. बरियारपुर के 11 में सात 7 नए चेहरे आए तो चार की वापसी हुई है. मुंगेर सदर प्रखंड के 13 पंचायत में एक को छोड़, सभी 12 औंधे मुंह गिरे. जमालपुर प्रखंड अंतर्गत 10 पंचायतों का चुनाव परिणाम चौंकाने वाला रहा. 10 पंचायतों में एक भी पुराने मुखिया अपनी कुर्सी बचाने में सफल नहीं रहे. सभी पंचायत में जनता ने नए चेहरों को मौका दिया है. पुराने प्रत्याशी पूरी तरह से चुनाव हार गए हैं.

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मुंगेर जिले के 98 पंचायत में मात्र 20 वर्तमान मुखिया ने इज्जत बचाई तो 78 मुखिया मैदान से बाहर हो गए. हारने वाले मुखिया ने बताया कि हमारे हार का कारण सात निश्चय योजना रही जिसमें हर घर नल जैसे कई महत्वपूर्ण विकास का कार्य पंचायत में हो रहा था. यह कार्य वार्ड सदस्य जिम्मे था. इसमें कई तरह की गड़बड़ियां हुई. इसमें मुखिया का विशेष कोई भूमिका नहीं थी लेकिन जनता इसके लिए मुखिया को ही जिम्मेदार मान रही थी. इस कारण भी हम लोगों की हार हुई है.

'मुखिया पंचायत का विकास कम अपना विकास ज्यादा किए जो मुखिया भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए जनता ने उन्हें घर बिठा दिया.' -मोहम्मद साहब मलिक, जिला अध्यक्ष, राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ

'पंचायत में जिस मुखिया ने विकास कार्य को सही से अंजाम नहीं दिया उनकी हार हो रही है. जनता अब विकास को पसंद कर रही है. विकास जिसने नहीं किया वह हार गया.'- जसीमुद्दीन, जदयू नेता

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