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मुंगेर में दिख रहा लॉकडाउन का मिलाजुला असर, लोग बोले- ऐसे होगा कोरोना पर काबू

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Published : Jul 17, 2020, 5:19 PM IST

कोरोना संक्रमण के कारण एकबार बिहार में लॉकडाउन किया गया है. इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. सड़कों पर सन्नाटा है. कुछ ही लोग बाहर नजर आ रहे हैं.

मुंगेर लॉकडाउन
मुंगेर लॉकडाउन

मुंगेर: प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए 31 जुलाई तक लॉकडाउन लागू किया गया है. इसका व्यापक असर मुंगेर में दिख रहा है. जिले के प्रमुख चौक-चौराहों पर शांति पसरी हुई है. वहीं, इक्के-दुक्के वाहनों का परिचालन होता नजर आ रहा है.

दोबारा हुए लॉकडाउन में सुबह और शाम को ही बाजार में भीड़ देखी जा रही है. इस दौरान लोग जरूरी सामानों की खरीदारी कर रहे हैं. रेड क्रॉस सोसाइटी की ओर से लोगों को माइकिंग के जरिए बार-बार घरों में रहने को कहा जा रहा है. वहीं, नगर निगम की ओर से युद्धस्तर पर शहर में सैनिटाइजेशन का कार्य भी चलाया जा रहा है.

सड़कों पर दिख रहे इक्का-दुक्का लोग

क्या कहते हैं लोग?
इस लॉकडाउन को लेकर लोग मिली-जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं. दवा दुकानदार वरुण मिश्रा की मानें तो लॉकडाउन बेहतर विकल्प है. सुबह और शाम प्रशासन को सख्ती बरतनी चाहिए. मुंगेर चेंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन संतोष अग्रवाल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोग सड़कों पर कम निकल रहे हैं. जिला प्रशासन का काम बेहतरीन है.

मुंगेर में दिख रहा लॉकडाउन का असर

'लॉकडाउन से ही काबू होगा कोरोना'
वहीं, समाजसेवी मनीष यादव ने बताया कि लॉकडाउन को लागू ही रखना चाहिए तभी कोरोना पर काबू पाया जा सकेगा. उनका कहना है कि लॉकडाउन खत्म करने की वजह से ही संक्रमण में इजाफा हुआ और यह नौबत आई. शिक्षाविद राजेश कुमार का मानना है कि प्रशासन लॉकडाउन के दौरान सख्ती दिखाए ताकि लोग घर से कम बाहर निकले.

लॉकडाउन में सड़कों पर सन्नाटा

मुंगेर में मिला था बिहार का पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज
बता दें कि मुंगेर में ही कोरोना संक्रमण का पहला मरीज मिला था. कोरोना से उसकी मौत भी हो गई थी. 22 मार्च से लेकर 17 जुलाई तक लगभग 750 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मुंगेर में मिल चुके हैं. वहीं, कोरोना से अब तक 5 की मौत हो चुकी है.

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