मुंगेर: आज विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवसमनाया जाता है. दुनिया में लोकतंत्र और ज्ञान की धरती के रूप में प्रसिद्ध बिहार की एक और पहचान है. बिहार के मुंगेर में दुनिया का पहला योग विश्वविद्यालय (Munger Yoga University) है, जो विश्वस्तर पर योग का प्रचार-प्रसार करता है. मुंगेर में योग विश्वविद्यालय होने के कारण इसे योग नगरी भी कहा जाता है. 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है.
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दुनिया भर में योग का प्रचारःबहुत कम लोगों को यह पता है कि दुनिया का सबसे पहला योग विश्वविद्यालय बिहार के मुंगेर में स्थित है. इसे बिहार स्कूल ऑप योग (BSY) भी कहा जाता है. इस विश्वविद्यालय में हर साल सैकड़ों योग साधक दुनिया भर में योग का प्रचार प्रसार करते हैं. मुंगेर का यह विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय गंगा नदी के किनारे स्थित है. यह विद्यालय गंगा दर्शन के लिए भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. इस अनोखे विश्वविद्यालय की स्थापना स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने अपने गुरु स्वामी शिवानंद की इच्छा के अनुसार सन 1963 में किया था.
दो वर्ष का कोर्स कराया जाता हैः इस विश्वविद्यालय को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त है. यहां योग दर्शन, योग मनोविज्ञान, अप्लाइड योग और पर्यावरण योग विज्ञान में उच्च अध्ययन के लिए एक वर्ष और दो वर्ष का कोर्स कराया जाता है. इसके अलावा इस विश्वविद्यालय में एक बड़ा पुस्तकालय भी है. जिसमें विश्व के कोने-कोने से छात्र अध्ययन करने के लिए आते हैं. इस योग विश्वविद्यालय की तरफ से देश के विभिन्न कॉलेजों, जेल, अस्पतालों और कई अन्य संस्थाओं में लोगों को योग का प्रशिक्षण दिया जाता है.
मुंगेर का योग विश्वविद्यालय. विश्वविद्यालय में नियम कानूनः आज इस योग विश्वविद्यालय से प्रशिक्षित करीब 14000 से भी ज्यादा शिष्य और 12 सौ से भी ज्यादा योग के शिक्षक देश-विदेश में योग के ज्ञान का प्रचार प्रसार कर रहे हैं. खास बात यह कि इस योग विश्वविद्यालय में नियम और कानून बहुत ही सख्त है. आश्रम में प्रतिदिन सुबह 4:00 बजे उठकर व्यक्तिगत साधना करनी पड़ती है. इसके बाद तय कार्यक्रम के अनुरूप कक्षाएं शुरू हो जाती हैं.
यह है विशेष नियमः शाम 6:30 बजे के बाद कीर्तन तथा 7:30 बजे के बाद स्वयं के कमरे में व्यक्तिगत साधना का समय निर्धारित है. रात 8:00 बजे योग विश्वविद्यालय का आवासीय परिसर बंद हो जाता है. यहां प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षित को नियम का ध्यान रखना होता है. देश-विदेश से प्रशिक्षित प्रशिक्षण लेने के लिए आते हैं. यहां शुद्ध सात्विक भोजन ही कर सकते हैं. बाहर से किसी भी तरह का भोजन अंदर नहीं लाया जा सकता है. बड़े से बड़े लोग भी आश्रम का ही प्रसाद ग्रहण करते हैं.
राष्ट्रपति भी आ चुके हैं :भारत केपूर्व राष्ट्रपति रहे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद मुंगेर दो बार चुके हैं. 2004 जब आए थे तो उन्होंने इस शहर को योग नगरी का नाम दिया था. एपीजे अब्दुल कलाम के अलावा देश के कई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, फिल्म आशिकी की अभिनेत्री अन्नू अग्रवाल समेत कई फिल्मी हस्तियां भी मुंगेर के योग नगरी में आ चुके हैं.