मुंगेर: बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद सूबे के लगभग सभी जिलों में शराब की बड़ी खेप जब्त की जा रही है. वहीं, पिछले दिनों मंत्री रामसूरत राय से संबंधित शिक्षण संस्थान से शराब की बरामदगी ने सूबे की सियासत में भूचाल खड़ा कर दिया. विपक्ष बैठे बिठाए मिले इस मुद्दे परसरकार को घरेने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है.
वहीं, रामसूरत राय से संबंधित प्लॉट पर शराब बरामगदी को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव ने बड़ा बयान दिया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ अपने मंत्री से इस्तीफा भी नहीं लें, ब्लकि संबंधित जमीन को सरकारी जमीन घोषित करते हुए कार्रवाई भी करे.
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सरकार खामोश, शराबबंदी फेल
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार खामोश है, बिहार में शराबबंदी फेल है. राज्य में शराब का कारोबार सत्ता संपोषित है. पूर्व राजद सांसद ने कहा कि शराबबंदी बिहार में ढकोसला है. नीतीश कुमार की सरकार शराब बंदी लागू करवाने में फेल है. इनके ही सभी लोग शराब के कारोबार में लगे हुए हैं.
'गरीब-निम्न वर्ग के लोगों के पास से अगर शराब बरामद होती है तो उस पर प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजा जाता है. गरीब के मकान से शराब बरामद होने पर उसे सरकारी मकान घोषित कर दिया जाता है. वहीं, जब सरकार के मंत्री के संस्थान से शराब बरामद होती है तो ना तो मंत्री पर कोई कार्रवाई होती है ना ही उसके संस्थान पर. विपक्ष जब सवाल उठाता है तो उसे खामोश करने का षड्यंत्र रचा जाता है'.-जयप्रकाश नारायण यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री
जयप्रकाश ने कहा कि यह सरकार शराब बंदी लागू कराने में पूरी तरह फेल है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता सब देख रही है. नीतीश कुमार की दोहरी नीति से जनता वाकिफ हो गई है. रामसूरत राय से अविलम्ब इस्तीफा लेकर उनके उनसे संबंधित संस्थान को सरकारी संपत्ति घोषित करवाएं.